बिहार के जलाल उद्दीन अंसारी ने ‘ टूटी साइकिल’ से तय की एशियाई साइकिलिंग चैंपियनशिप यात्रा

Story by  सेराज अनवर | Published by  [email protected] | Date 23-02-2024
Bihar's Jalaluddin Ansari travels Asian Cycling Championship with 'broken bicycle'
Bihar's Jalaluddin Ansari travels Asian Cycling Championship with 'broken bicycle'

 

सेराज अनवर/पटना

लक्ष्य पाने का जुनून यदि जलाल उद्दीन की तरह हो तो टूटी साइकिल से भी बुलंदी तय की जा सकती है.दरभंगा निवासी दिव्यांगजलाल पर पूरा बिहार गर्व कर रहा है.नई दिल्ली में आयोजित एशियाई साइकिलिंग चैंपियनशिप के पहले दिन भारतीयटीम की ओर से खेलते हुए बिहार के दो साइक्लिस्ट ने एक-एक मेडल अपने नाम किया है.

बिहार के छपरा निवासी सुहानी कुमारी ने कांस्य पदक अपने नाम किया,वहीं एशियाई पैरा साइकिलिंग में दरभंगा के दिव्यांग जलालुदीन अंसारी ने रजत पदक जीत बिहार का सिर गर्व से उंचा कर दिया.जलाल उद्दीन के पास कभी ठीक-ठाक साइकिल भी नहीं हुआ करती थी.टूटी साइकिल से उसने अपने सपने को परवान चढ़ाया.आज भारत को मेडल दिलाने वालों में शुमार हो गया.

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जलाल उद्दीन का सफर

2023 में चीन में आयोजित एशियन गेम्स में पैरा साइकलिंग इवेंट गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले जलाउद्दीन दरंभगा से हैं.पुराने दिन (जब उनके पास एक टूटी साइकिल थी.

उसी साइकिल से प्रैक्टिस कर उन्होंने कई स्तरों पर पार्टिसिपेट किया.) उन दिनों को याद करते हुए जलालुद्दीन बताते हैं कि उसके बाद लोगों ने मदद की.साइकिल उपलब्ध कराया.जज़्बा और लगन को देखते हुए लोगों ने उनकी मदद की.फिर हैदराबाद में ट्रेनिंग करने के बाद ट्रायल दिया.

 उनका सेलेक्शन एशियन गेम्स में हुआ.भारत का प्रतिनिधित्व करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.हालांकि उस प्रतियोगिता में कुछ ख़ास प्रदर्शन नहीं कर पाये,लेकिन चीन से लौटने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बात प्रेरणास्रोत बन गयी.

जलालुद्दीन कहते हैं, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हम लोगों के लिए भोजन का आयोजन करवाया था,जिसमें वह हम लोगों से मिले.कहा कि कोई हार कर नहीं आया है, कोई जीत कर आया है तो कोई कुछ सीख कर आया है.”इस बात से हमें बहुत मोटिवेशन मिला.

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डीजी ने जलाल उद्दीन को सराहा

बिहार के खेल डीजी रविंद्र शंकरण नेएशियाई साइकिलिंग चैंपियनशिप में बिहार को सिल्वर और कांस्य पदक मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए दोनों खिलाड़ियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह बिहार के लिए बहुत ही गर्व की बात है.

बिहार सरकार सूबे के खिलाड़ियों के लिए कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार है. इसका नतीजा है,बिहार के खिलाड़ी हर खेल में अपना लोहा मनवा रहे हैं."इन दोनों खिलाड़ियों के लिए बिहार सरकार जल्द ही आगे के प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं के लिए विश्व स्तरीय साइकिल उपहार में देगी. जिससे कि इस तरह वह आगे बढ़ते रहेंगे और बिहार ही नहीं बल्कि देश का मान सम्मान बढ़ाते रहेंगे."

मालूम हो कि राज्य सरकार की तरफ से 80 खिलाड़ियों को 'मेडल लाओ नौकरी पाओ' के तहत नियुक्ति दी गई थी.जलालुद्दीन को भी नियुक्ति दी गई है.गांव के खेत खलिहान के पगडंडियों पर साइकिलिंग कर मेडल की रेस में जलाल उद्दीन आगे निकल जाना चाहता है.इस कड़ी में साल दरभंगा के इस दिव्यांग ने रजत पदक अपने नाम कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है.

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जलालुद्दीन में दिख रहा भविष्य

नई दिल्ली में आयोजित एशियाई पैरा ट्रैक साइकिलिंग चैंपियनशिप 2024में दरभंगा जिले के टेकटार निवासी जलालुद्दीन के रजत पदक जीतने पर बड़ी संख्या में लोगों ने बधाई दी है. शिक्षाविद शिवकिशोर राय ने कहा, “जलालुद्दीन में पैरा साइकलिंग का भविष्य दिख रहा है.”

मानव सेवा समिति के संस्थापक प्रो. जयशंकर झा का कहना है,“ यह पदक भले ही रजत है, पर यह क्षण निश्चित रूप से स्वर्णिम है.“ कला संस्कृति एवं युवा विभाग के राज्य परामर्शी सदस्य उज्ज्वल कुमार ने कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मेडल लाओ, नौकरी पाओ योजना के तहत जलालुद्दीन को हाल ही में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में नौकरी मिली है.”

जलालुद्दीन की इस सफलता पर स्पोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया, साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया, बिहार राज्य खेल प्राधिकारण आदि ने खुशी व्यक्त की है.जलालुद्दीन को बधाई देने वालों में रूसा के उपाध्यक्ष प्रो. कामेश्वर झा, शिक्षाविद डॉ. सतनार चौधरी, मिथिला शोध संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. देवनारायण यादव, रिंकू झा, डॉ. एडीएन सिंह, डॉ. मित्रनाथ झा, प्रिंसिपल डॉ. रहमतुल्लाह, डॉ. अंजू अग्रवाल, प्रो. शौकत अंसारी, डॉ. अशोक सिंह, प्रो. मुकेश प्रसाद निराला आदि का नाम प्रमुख है.