नई दिल्ली
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को कहा कि अगर ईश्वर की कृपा रही, तो वह अगस्त 2027 में अपने कार्यकाल की समाप्ति पर सेवानिवृत्त हो जाएंगे।उन्होंने यह टिप्पणी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हल्के-फुल्के अंदाज़ में की। धनखड़ ने कहा, “ईश्वर की कृपा रही तो मैं अगस्त 2027 में सही समय पर सेवानिवृत्त हो जाऊंगा।”
धनखड़ का उपराष्ट्रपति के रूप में पांच वर्ष का कार्यकाल 10 अगस्त, 2027 को पूरा होगा।पेशे से वकील रहे धनखड़ को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया था। उस समय वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे।
जेएनयू में अपने भाषण के दौरान उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत आज एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है, और इसके साथ ही देश की बौद्धिक एवं सांस्कृतिक गरिमा का भी पुनरुत्थान होना चाहिए।उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि स्वतंत्रता के बाद स्वदेशी दृष्टिकोण को “आदिम अतीत के अवशेष” के रूप में खारिज कर दिया गया और केवल चुनिंदा स्मृतियों को ही मान्यता दी गई।
धनखड़ ने यह भी कहा कि पश्चिमी विचारधाराओं को सार्वभौमिक सत्य के रूप में प्रस्तुत किया गया, जो एक तरह से विचारों के विलोपन और सांस्कृतिक विनाश का प्रतीक था।