Gurugram tennis player murder case: Court sends accused father to one-day police custody
गुरुग्राम
हरियाणा के गुरुग्राम में अपनी बेटी एवं टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या के आरोप में गिरफ्तार पिता दीपक यादव को यहां की एक अदालत ने शुक्रवार को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
अदालत के बाहर एक पुलिस अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने आरोपी की दो दिन की हिरासत मांगी थी। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उसकी लाइसेंसी रिवॉल्वर (अपराध में इस्तेमाल) की गोलियां बरामद करनी है। हमें यह भी सत्यापित करना है कि उसने कितनी गोलियां खरीदी थी।’’
यह पूछे जाने पर कि गोलियां कहां से बरामद की जानी है, अधिकारी ने कहा, ‘‘रेवाड़ी के निकट कसाम गांव में आरोपी की जमीन है। हमें गोलियां वहीं से लानी है।’’
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम में राज्य स्तरीय टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव (25) की बृहस्पतिवार को उसके पिता दीपक यादव (49) ने ही कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पुलिस ने बताया कि घटना गुरुग्राम के सुशांत लोक में स्थित दो मंजिला मकान में हुई।
दीपक यादव को कड़ी सुरक्षा में अदालत में पेशी के लिए अदालत परिसर के निकट पुलिस वाहन से बाहर निकाला गया और उस वक्त उसने अपना सिर तौलिए से ढका हुआ था।
उसे मीडियाकर्मियों के एक समूह के सवालों का सामना करना पड़ा, जो जानना चाहते थे कि उसने अपनी बेटी की हत्या क्यों की। हालांकि, उसे तुरंत अदालत परिसर के अंदर ले जाया गया।
सुनवाई के बाद जब वह अदालत से बाहर आया, तो तौलिया उतार दिया गया था। उससे फिर वही सवाल पूछा गया, और पुलिस उसे जल्दी से वाहन तक ले गई।
पुलिस ने बताया कि वे हत्या के सभी संभावित पहलुओं की जांच कर रहे हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि घटना के समय खिलाड़ी की मां क्या कर रही थी।
पुलिस ने दावा किया कि राधिका द्वारा संचालित टेनिस अकादमी पिता और पुत्री के बीच विवाद का कारण थी।
गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि दीपक ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है और बताया कि उसे अपनी बेटी द्वारा टेनिस अकादमी संचालित करने पर आपत्ति थी, जिसे लेकर दोनों के बीच कई बार झगड़ा भी हुआ था।
पुलिस ने दावा किया कि आरोपी को लगता था कि वह आर्थिक रूप से संपन्न है और किराये से भी आय होती है, इसलिए उसकी बेटी को अकादमी संचालित करने की कोई जरूरत नहीं है।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘राधिका की गुरुग्राम में एक टेनिस अकादमी थी और उसके पिता इससे खुश नहीं थे। उसने कई बार राधिका को अकादमी को बंद करने को कहा था, लेकिन वह नहीं मानी। गुस्से में आकर उसने अपनी बेटी को तीन गोलियां मार दीं।’’