ज्ञानवापी विवादः हिंदू पक्ष ने ‘वजुखाना’ के सर्वेक्षण के लिए अदालत में दी दरख्वास्त

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 30-08-2023
Gyanvapi Mosque
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वाराणसी . ज्ञानवापी मस्जिद-मां श्रृंगार गौरी मामले में हिंदू पक्ष के एक वादी ने मंगलवार को यहां जिला अदालत में एक आवेदन दायर कर ‘वजुखाना’ के पुरातात्विक सर्वेक्षण की मांग की, उस संरचना को छोड़कर, जिसके बारे में हिंदू पक्ष ‘शिवलिंग’ होने का दावा करता है, जबकि मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यह एक फव्वारा है .

विश्व वैदिक सनातन संघ (वीवीएसएस) के सचिव सूरज सिंह ने बताया कि अदालत ने आवेदन स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई के लिए आठ सितंबर की तारीख तय की है. जिला अदालत के निर्देश के बाद, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) वजुखाना क्षेत्र को छोड़कर, ज्ञानवापी मस्जिद में वैज्ञानिक सर्वेक्षण कार्य कर रहा है .

सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम आदेश पारित करने के बाद वजुखाना क्षेत्र को सील कर दिया गया था, जिसमें वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को उस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था, जहां यहां सिविल जज की अदालत के आदेश पर एक वीडियो सर्वेक्षण के दौरान श्शिवलिंगश् होने का दावा किया गया ढांचा पाया गया था .

 


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वीवीएसएस की संस्थापक सदस्य और ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी मामले में मुख्य याचिकाकर्ताओं में से एक राखी सिंह द्वारा जिला न्यायाधीश एके विश्वेश की अदालत में 64 पेज का नया आवेदन दायर किया गया है . अन्य लोगों के अलावा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को भी प्रतिवादी बनाया गया है .

याचिका के जरिए राखी सिंह ने मांग की है कि ‘शिवलिंग’ को छोड़कर वजूखाना का एएसआई सर्वे कराया जाए, ताकि पूरे ज्ञानवापी परिसर की सच्चाई सामने आ सके. राखी सिंह ने यह अर्जी अपने वकील मान बहादुर सिंह, सौरभ तिवारी और अनुपम द्विवेदी के माध्यम से दाखिल की है.

हिंदू पक्ष द्वारा दावा किया गया कि यह संरचना एक ‘शिवलिंग’ है और मुस्लिम पक्ष द्वारा इसे ‘फव्वारा’ बताया जा रहा है, जो पिछले साल 16 मई को काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित मस्जिद के अदालत-आदेशित सर्वेक्षण के दौरान वजुखाना में पाया गया था . इससे पहले, पांच हिंदू महिलाओं ने एक मुकदमा दायर कर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवताओं की नियमित पूजा की अनुमति मांगी थी .

 


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