नई दिल्ली
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को कहा कि उसने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए भीषण आतंकी हमले में शामिल आतंकवादियों की पहचान के सिलसिले में ठोस और विश्वसनीय सबूत जुटा लिए हैं। हालांकि, एजेंसी ने स्पष्ट किया कि आतंकियों की पहचान और अन्य अहम जानकारी उचित समय पर सार्वजनिक की जाएगी।
इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, और यह घटना पूरे देश को झकझोर देने वाली थी। जांच के दौरान एनआईए ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए रविवार को दो स्थानीय नागरिकों—परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर—को गिरफ्तार किया। इन दोनों पर आरोप है कि इन्होंने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े तीन पाकिस्तानी आतंकियों को पनाह दी थी।
एनआईए ने एक बयान में कहा कि गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को सोमवार को जम्मू की एक अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें पांच दिन की एजेंसी हिरासत में भेज दिया गया।
एजेंसी ने बताया कि आतंकियों की पहचान से संबंधित जिन प्रमाणों को इकट्ठा किया गया है, उनमें पीड़ितों के बयान, घटनास्थल के वीडियो फुटेज, तकनीकी साक्ष्य और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा जारी किए गए स्केच शामिल हैं। इन सभी साक्ष्यों का गहन विश्लेषण किया जा रहा है।
एनआईए ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल किसी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा गया है। एजेंसी ने मीडिया से अपील की है कि वह किसी भी प्रकार की अटकलों या भ्रामक जानकारी से बचें, क्योंकि कुछ रिपोर्ट्स में अपराधियों की पहचान को लेकर की जा रही चर्चा तथ्यात्मक नहीं है।
एजेंसी ने कहा, “जांच पूरी गंभीरता और पारदर्शिता के साथ जारी है और जब समय उपयुक्त होगा, तब पूरे देश को इससे जुड़ी सटीक जानकारी दी जाएगी।”