ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
सेना में कमीशंड अधिकारी का रास्ता टेरीटोरियल आर्मी से बिल्कुल अलग है जहां क्रिकेट के धुरंधर महेंद्र सिंह धौनी भी मानद लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के रूप में इसका हिस्सा हैं. इसी तरह भारतीय वायुसेना ने भी क्रिकेट जगत के हीरो सचिन तेंदुलकर की उपलब्धियों के लिए मानद ग्रुप कैप्टन के रूप में वायुसेना का हिस्सा बनाया था.
जी हाँ सचिन तेंदुलकर को वायु सेना में ग्रुप कैप्टन का पद प्राप्त है, जबकि धोनी, कपिल देव और अभिनव बिंद्रा को लेफ्टिनेंट कर्नल का पद प्राप्त है. हालाँकि, एथलेटिक्स में भारत के एकमात्र ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और विश्व चैंपियन नीरज चोपड़ा अधिकारी नहीं बन सकते.
टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने वाले सूबेदार नीरज चोपड़ा को कई शुभचिंतकों और यहां तक कि सेना अधिकारियों की मांग के अनुसार कमीशन अधिकारी रैंक नहीं मिल सकती है. भारतीय जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में रविवार देर रात इतिहास रच दिया है. भारतीय सेना ने 'एक्स' पर लिखा, 'नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर हमें गर्व कराया. भारतीय सेना बुडापेस्ट में वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में भाला फेंक में 88.17 मीटर के थ्रो के साथ गोल्ड मेडल जीतने वाले सूबेदार नीरज चोपड़ा को बधाई देती है.'
दरअसल सेना में जेसीओ रैंक के अधिकारियों के लिए कमीशन अधिकारी बनने के लिए लिखित परीक्षा और साक्षात्कार अनिवार्य है. ऐसे में सेना के पास फिलहाल नीरज चोपड़ा को सूबेदार मेजर या मानद मेजर के तौर पर प्रमोट करने का विकल्प है. भाला फेंक में ओलिंपिक चैंपियन बने सूबेदार नीरज चोपड़ा जो भी विकल्प चुनेंगे, सेना उन्हें मनमुताबिक प्रमोशन खुशी-खुशी देगी.
ओलंपिक इतिहास में देश को पहला एथलेटिक्स स्वर्ण पदक दिलाने वाले नीरज चोपड़ा की उपलब्धि से सेना भी उत्साहित है और अपने खेल नायक को बढ़ावा देने के लिए तैयार है. हालांकि, इस अभूतपूर्व उपलब्धि के आधार पर उन्हें सीधे कमीशंड ऑफिसर बनाने की चर्चा पर सैन्य सूत्रों का कहना है कि सेना चाहकर भी ऐसा नहीं कर सकती.
सेना में अधिकारियों को राष्ट्रपति द्वारा कमीशन दिया जाता है. इसके लिए अनिवार्य प्रक्रियाएं हैं जिन्हें दरकिनार करना संभव नहीं है. सेना के जेसीओ भी लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से कमीशन अधिकारी बनते हैं. ओलिंपिक के इतिहास में देश को एथलेटिक्स का पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाले नीरज चोपड़ा की उपलब्धि पर सेना भी गदगद है और खेल जगत के अपने हीरो को पदोन्नति देने के लिए तैयार भी है.
हालांकि इस अभूतपूर्व उपलब्धि के आधार पर ही उन्हें सीधे कमीशंड अधिकारी बनाने की चर्चाओं पर सैन्य सूत्रों ने कहा कि चाहकर भी सेना यह नहीं कर सकती. सेना में अधिकारी को राष्ट्रपति की ओर से कमीशन प्रदान किया जाता है. इसके लिए अनिवार्य प्रक्रियाएं हैं जिन्हें बाइपास करना संभव नहीं है. सेना के जेसीओ भी लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के जरिए ही कमीशंड अफसर बनते हैं.
उदाहरण से समझें
हमारे पास एक भारतीय खेल निशानेबाज मानद कैप्टन विजय कुमार शर्मा, एवीएसएम, एसएम का उदाहरण है. उन्होंने 2012 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में व्यक्तिगत 25 मीटर रैपिड-फायर पिस्टल स्पर्धा में रजत पदक जीता. उन्हें सूबेदार मेजर के पद पर पदोन्नत किया गया.