गुजरात वक्फ बोर्ड ने वक्फ संशोधन विधेयक के लिए 45 प्रस्ताव दिए

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 27-09-2024
Gujarat Waqf Board submits 45 proposals for Waqf Amendment Bill
Gujarat Waqf Board submits 45 proposals for Waqf Amendment Bill

 

गांधीनगर. गुजरात वक्फ बोर्ड ने शुक्रवार को बैठक के दौरान वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 में 45 प्रस्तावित संशोधन प्रस्तुत किए, जिसमें गुजरात सरकार और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के प्रतिनिधि शामिल थे. ये प्रस्ताव वक्फ अधिनियम में केंद्र सरकार के प्रस्तावित बदलावों पर केंद्रित थे, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों पर विवादों को हल करना है.

वक्फ बोर्ड ने अपनी चिंताओं को व्यक्त किया, मुस्लिम समुदाय के हितों की रक्षा और वक्फ संपत्तियों के निष्पक्ष प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख संशोधनों का सुझाव दिया. बैठक का उद्देश्य राज्य सरकार और वक्फ बोर्ड दोनों की ओर से प्रस्तुतियों के साथ जेपीसी के विचार एकत्र करना था.

जेपीसी, जिसमें 21 लोकसभा सांसद और 10 राज्यसभा सांसद शामिल हैं, पहले चार बार मिल चुकी है. इस सत्र में प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक और इसके महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया.

पूर्व वक्फ बोर्ड के सदस्य इकबाल शेख ने कहा, ‘‘हम 45 संशोधनों पर लिखित अभिवेदन प्रस्तुत करेंगे. वक्फ बोर्ड के कुछ नियमों में बदलाव की जरूरत है, जिसमें कुछ मुस्लिम पदाधिकारियों को हटाना भी शामिल है. हमारा मानना है कि यह अधिनियम वक्फ व्यवस्था को खत्म करने के लिए बनाया गया है, और हम अपनी चिंताओं को व्यक्त करेंगे.’’

गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि बैठक के दौरान सभी नागरिकों के हित में लिए गए राज्य के निर्णयों पर प्रकाश डाला गया. संघवी ने कहा, ‘‘राज्य सरकार का मानना है कि इन संशोधनों पर प्रतिक्रिया एकत्र करने की प्रक्रिया महत्वपूर्ण है. हम प्रमुख मुद्दों पर खुलकर चर्चा करेंगे और संभावित नीति और नियम परिवर्तनों पर विचार किया जाएगा.’’

उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बैठक गुजरात में वक्फ मुद्दों के प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो संभावित रूप से भविष्य के विवादों को हल करने के लिए एक मिसाल कायम करेगी.

जमालपुर से कांग्रेस विधायक इमरान खेड़ावाला ने सरकार की प्रस्तुति का विरोध किया. खेड़ावाला ने कहा, ‘‘आज, गृह राज्य मंत्री ने एक प्रस्तुति दी जिसमें बताया गया कि सरकार क्या कर रही है और भाजपा की ओर से विधेयक के लिए समर्थन दिखा रही है. हमने उनकी ब्रीफिंग के आधार पर 14 सुझाव प्रस्तुत किए. हालांकि, हम सरकार के प्रस्ताव का समर्थन नहीं करते हैं.’’

उन्होंने जिला कलेक्टरों को अधिक शक्ति प्रदान करने की सिफारिश की आलोचना करते हुए कहा, “यह विधेयक राज्यों में वक्फ बोर्डों पर ध्यान केंद्रित करके मुस्लिम समुदाय को लक्षित करता प्रतीत होता है, और हम इसका समर्थन नहीं कर सकते.”

वक्फ अधिनियम 1995, जिसका उद्देश्य वक्फ (धार्मिक बंदोबस्ती) और संबंधित मामलों का बेहतर प्रशासन सुनिश्चित करना है, 1 जनवरी, 1996 को गुजरात में लागू हुआ. अधिनियमन के बाद, गुजरात राज्य वक्फ बोर्ड का गठन सरकार के कानूनी विभाग द्वारा 30 नवंबर, 1996 की अधिसूचना के माध्यम से किया गया था. बाद में 19 मई, 2000 को बोर्ड का पुनर्गठन किया गया.

 

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