Great Urdu scholar C.M. Naeem passed away, wave of grief in literary world
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
उर्दू भाषा और साहित्य के एक प्रतिष्ठित विद्वान, आलोचक और शिक्षाविद् सी. एम. नईम का निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उन्होंने अमेरिका में अंतिम सांस ली। उनके निधन से उर्दू साहित्य, अकादमिक जगत और भाषा-प्रेमियों के बीच गहरा शोक व्याप्त है.
सी. एम. नईम का पूरा नाम चौधरी मुहम्मद नईम था। वे भारत में जन्मे, लेकिन उन्होंने अपनी ज़िंदगी का बड़ा हिस्सा अमेरिका में बिताया और वहीं उर्दू साहित्य को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई। वे लंबे समय तक मिशिगन यूनिवर्सिटी (University of Michigan) में उर्दू और दक्षिण एशियाई अध्ययन के प्रोफेसर रहे। उन्होंने न केवल उर्दू साहित्य को पश्चिमी दुनिया से जोड़ा, बल्कि उर्दू भाषा की शिक्षण पद्धतियों को भी एक नई दिशा दी.
नईम साहब ने "जर्नल ऑफ साउथ एशियन लिटरेचर" के संपादन के ज़रिए भी कई उर्दू लेखकों और शोधकर्ताओं को वैश्विक पहचान दिलाने में मदद की। उनकी गिनती उन चुनिंदा विद्वानों में होती है जिन्होंने उर्दू साहित्य को अकादमिक गरिमा दी और आलोचना की परंपरा को तर्क, दृष्टि और संवेदना के साथ विकसित किया.
उनकी लेखनी में सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक अंतर्दृष्टि स्पष्ट दिखाई देती थी। वे ग़ालिब, सर सैयद अहमद खान, और इंतिज़ार हुसैन जैसे दिग्गज लेखकों पर गहरे विश्लेषणात्मक लेख लिख चुके हैं। साथ ही वे उर्दू की नई पीढ़ी को आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़ने के पक्षधर रहे.
सी. एम. नईम ने "Introductory Urdu", "Readings in Urdu: Prose and Poetry" जैसी कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखीं, जो दुनिया भर में उर्दू सीखने वाले छात्रों के लिए आधार बनीं.
उर्दू आलोचक और लेखक शम्सुर रहमान फारूकी ने एक बार उन्हें “उर्दू का सबसे ईमानदार और स्पष्ट सोच वाला आलोचक” कहा था। उनके छात्र और सहकर्मी उन्हें एक प्रेरणादायक शिक्षक, सरल व्यक्तित्व और गहरी संवेदनशीलता वाला इंसान मानते हैं.