नई दिल्ली
Google ने गुरुवार को कहा कि वह भारत में कमजोर उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) विकसित कर रहा है। कंपनी ने कहा कि एआई के रूपांतरण के लिए सुरक्षा को आधार बनाना अनिवार्य है।
AI Impact Summit 2026 के पहले, जो 19-20 फरवरी, 2026 को नई दिल्ली में आयोजित होगा, Google ने उपयोगकर्ताओं को जटिल धोखाधड़ी से बचाने, एंटरप्राइज साइबर सुरक्षा मजबूत करने और भारत व ग्लोबल साउथ के लिए समावेशी और निष्पक्ष AI मॉडल तैयार करने के लिए कई पहलें पेश कीं। यह सम्मेलन ग्लोबल साउथ में आयोजित होने वाला पहला वैश्विक AI शिखर सम्मेलन होगा।
कंपनी ने डिजिटल आरेस्ट स्कैम, स्क्रीन-शेयरिंग धोखाधड़ी और वॉइस क्लोनिंग जैसी बढ़ती खतरनाक गतिविधियों पर ध्यान आकर्षित किया। Google का कहना है कि उनका दृष्टिकोण "धोखेबाज से तेज़ सुरक्षा" सुनिश्चित करना है, जो सीधे रोज़मर्रा की तकनीक में एम्बेडेड है। इसके तहत, Pixel फ़ोन में Gemini Nano द्वारा संचालित रियल-टाइम स्कैम डिटेक्शन पेश किया जा रहा है, जो संदेहास्पद कॉल का डिवाइस पर विश्लेषण करता है बिना ऑडियो रिकॉर्ड किए। Google Pay, Navi और PayTM के साथ एक नया पायलट प्रोग्राम शुरू किया गया है, जो उपयोगकर्ताओं को स्क्रीन-शेयरिंग के दौरान वित्तीय ऐप्स खोलने पर चेतावनी देता है और एक टैप में सुरक्षित बाहर निकलने का विकल्प देता है।
Google Play Protect ने भारत में 1.15 करोड़ उच्च-जोखिम वाले साइडलोडेड ऐप इंस्टॉल प्रयासों को ब्लॉक किया, जबकि Google Pay हर हफ्ते 10 लाख से अधिक धोखाधड़ी चेतावनी जारी करता है। कंपनी ने SMS OTP की जगह सुरक्षित SIM-आधारित सत्यापन के माध्यम से Enhanced Phone Number Verification पेश किया है।
डीपफेक्स से निपटने के लिए Google SynthID, अपना AI वाटरमार्किंग टूल, PTI, जागरण और इंडिया टुडे जैसे साझेदारों के लिए उपलब्ध करवा रहा है। साइबर सुरक्षा क्षेत्र में, Google ने CodeMender नामक AI एजेंट पेश किया है, जो स्वतः कमजोरियों की पहचान और पैचिंग करता है।
कंपनी बड़े पैमाने पर डिजिटल साक्षरता प्रयासों में भी निवेश कर रही है। LEO, Super Searchers और DigiKavach जैसे कार्यक्रम लाखों लोगों को ऑनलाइन जोखिम पहचानने की क्षमता देंगे। Google.org के APAC Digital Futures Fund के माध्यम से CyberPeace Foundation को AI-आधारित साइबर-डिफेंस उपकरण मजबूत करने के लिए 2 लाख अमेरिकी डॉलर दिए जाएंगे।
Google ने कहा कि भारत का आकार और विविधता इसे ग्लोबल साउथ के लिए AI निर्माण में केंद्रीय बनाती है। इसी के तहत वह IIT मद्रास और CeRAI के साथ मिलकर AI सुरक्षा मानक, डेटासेट और गवर्नेंस फ्रेमवर्क को आगे बढ़ा रहा है।