सशक्तिकरण की नई राह ! बिहार में पिंक बसों के लिए 2000 महिला चालकों की भर्ती शुरू

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 20-11-2025
A new path to empowerment! Bihar begins recruiting 2,000 women drivers for pink buses.
A new path to empowerment! Bihar begins recruiting 2,000 women drivers for pink buses.

 

नौशाद अख्तर/पटना

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों का असर अब ज़मीन पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। चुनाव परिणामों ने यह सिद्ध कर दिया है कि उनकी जीत में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, क्योंकि मुख्यमंत्री हमेशा से ही महिलाओं के लिए विशेष योजनाएँ लागू करते रहे हैं.चाहे वह शिक्षक भर्ती में महिलाओं को प्राथमिकता देने की बात हो या दूर-दराज की छात्राओं को साइकिल प्रदान करने की।

अब, चुनावी जीत से मिली प्रेरणा के बाद, बिहार सरकार ने पिंक बसों (Pink Buses) के बेड़े के लिए महिला बस चालकों की भर्ती की एक बड़ी और ऐतिहासिक पहल की है। यह योजना न केवल महिलाओं को रोज़गार देगी, बल्कि सार्वजनिक परिवहन में लैंगिक समानता और सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगी।

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महिलाओं के लिए सुनहरा अवसर: पिंक बस चालक बनने का आह्वान

परिवहन परिसर, फुलवारीशरीफ, पटना से जारी की गई जानकारी के अनुसार, बिहार राज्य सड़क परिवहन निगम (BSRTC) द्वारा संचालित पिंक बस (सिर्फ़ शहरों में परिचालन हेतु छोटी बसें) सेवा के लिए महिला चालकों की आवश्यकता है। यह पहल उन इच्छुक महिलाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है जो ड्राइविंग को करियर के रूप में अपनाना चाहती हैं।

बिहार सरकार की यह बड़ी पहल है जिसके तहत अगस्त 2025 तक 2,000 महिलाएँ पिंक बस बेड़े को चलाएँगी। BSRTC का लक्ष्य अगस्त 2025 तक 80 पिंक बसों के बेड़े को चलाने के लिए 2,000 महिला ड्राइवरों को प्रशिक्षित करना है। ये महिलाएँ सिर्फ़ बसें नहीं चलाएँगी, बल्कि राज्य में बदलाव और महिला सशक्तिकरण की एक नई राह पर आगे बढ़ेंगी।

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प्रशिक्षण योजना की संरचना: चरणबद्ध और व्यावहारिक

इस महत्वाकांक्षी योजना को कुशलतापूर्वक लागू करने के लिए, BSRTC ने प्रशिक्षण को तीन संरचित चरणों में विभाजित किया है।

प्रशिक्षण के मुख्य बिंदु:

  • लक्ष्य: BSRTC पिंक बस के लिए 2,000 महिला ड्राइवरों को प्रशिक्षित करेगा।

  • प्रशिक्षण अवधि: चयनित उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण दो सप्ताह का होगा।

  • प्रशिक्षण प्रारंभ: अनिवार्य प्रशिक्षण की शुरुआत 20 जनवरी 2026 से होगी।

  • प्रशिक्षण केंद्र: शुरुआती प्रशिक्षण स्कूल IDTR, औरंगाबाद में आयोजित किया जाएगा।

  • सुविधाएँ: प्रशिक्षण, रहने की व्यवस्था और भोजन निगम द्वारा चयनित वाहन एजेंसी के माध्यम से निःशुल्क प्रदान किया जाएगा।

महिलाओं के लिए विशेष सुविधाएँ:

राज्य सरकार चाहती है कि महिलाएँ न केवल दक्षता के साथ, बल्कि आत्मविश्वास और सुरक्षा के साथ भी प्रशिक्षण लें। इसलिए, प्रशिक्षण केंद्रों पर निम्नलिखित की उपस्थिति अनिवार्य की गई है:

  • स्वच्छ और अलग शौचालय की सुविधा।

  • सुरक्षित पेयजल की सुविधा।

  • सुरक्षा के लिए ऊँची चारदीवारी का होना अनिवार्य है।

भर्ती हेतु अनिवार्य पात्रता और दस्तावेज

पिंक बसों में महिला ड्राइवरों की भर्ती और प्रशिक्षण के लिए कुछ अनिवार्य पात्रता मापदंड और दस्तावेज़ निर्धारित किए गए हैं।

प्रशिक्षण हेतु पात्रता (योग्यता):

  1. HMV (Heavy Motor Vehicle) लाइसेंस धारक, अथवा

  2. LMV (Light Motor Vehicle) लाइसेंस धारक, जिसके पास 3 वर्ष या उससे अधिक का अनुभव हो और वह HMV प्रशिक्षण लेने के लिए तैयार हो।

  3. आयु सीमा: 21 वर्ष से 40 वर्ष (आयु की गणना 01.01.2026 को की जाएगी)।

आवेदन की अंतिम तिथि:

  • इच्छुक और योग्य महिलाएँ 15 दिसंबर 2025 तक आवेदन कर सकती हैं।

नियोजन (Employment) की प्रक्रिया:

  • सफल प्रशिक्षण उपरांत: जिन महिलाओं के पास पहले से HMV लाइसेंस है, उन्हें रिक्तियों के विरुद्ध संविदा (contract) पर नियोजन का अवसर प्राप्त हो सकेगा।

  • LMV धारकों के लिए सहयोग: प्रशिक्षण प्राप्त LMV लाइसेंस धारकों को HMV लाइसेंस हेतु परीक्षा देने के लिए निगम द्वारा पूर्ण सहयोग किया जाएगा।

योजना का विस्तार: सिर्फ पटना नहीं, कई जिले शामिल

BSRTC प्रशासक अतुल कुमार वर्मा के अनुसार, अगस्त के अंत तक बिहार में 80 पिंक बसें आने की उम्मीद है, जिन्हें केवल प्रशिक्षित महिलाएँ ही चलाएँगी। यह पहल केवल कुछ स्थानों का पायलट प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि यह पहले से ही विभिन्न जिलों में फैल चुका है।

शुरुआत में पूर्णिया, औरंगाबाद, लखीसराय, मुंगेर, बांका, गोपालगंज, दरभंगा और सीवान जैसे ज़िलों के प्रशिक्षण केंद्र इसमें भाग ले रहे हैं। परिवहन विभाग एक आवासीय प्रशिक्षण ढांचा तैयार कर रहा है और सभी जिलों में मानक शिक्षण अनुभव सुनिश्चित करने के लिए मोटर वाहन प्रशिक्षण केंद्रों के साथ मिलकर काम कर रहा है। विशेष कार्य अधिकारी अरुणा कुमारी इस समन्वय का सक्रिय रूप से नेतृत्व कर रही हैं।

सिर्फ़ रोज़गार नहीं—यह सशक्तिकरण है

यह पहल केवल महिलाओं को रोज़गार देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पुरानी धारणाओं को तोड़ने और सार्वजनिक स्थानों पर दृश्यमान प्रतिनिधित्व बनाने के बारे में है। एक महिला बस चालक यह मज़बूत संदेश देती है कि बिहार में लैंगिक भूमिकाएँ तेज़ी से बदल रही हैं।

यह पहल महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता का समर्थन करती है और सबसे महत्वपूर्ण बात, यह सार्वजनिक परिवहन में सुरक्षा को बढ़ावा देती है। महिला ड्राइवरों की संख्या में वृद्धि करके, राज्य आपूर्ति-पक्ष पर रोज़गार और मांग-पक्ष पर महिला यात्रियों की सुरक्षा दोनों को संबोधित कर रहा है।

यह योजना मुख्यमंत्री के उस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाती है जहाँ महिलाओं को शिक्षा और अवसर दोनों प्रदान किए जाते हैं, ताकि वे एक प्रगतिशील समाज के निर्माण में सक्रिय भागीदार बन सकें।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: गमता कुमारी, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (संचालन) सह नोडल पदाधिकारी, पिंक बस संपर्क सूत्र: 9546456903