आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
रक्षा मंत्रालय ने सेना की लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के लिए नाग मिसाइलों, युद्धक जहाजों और इलेक्ट्रॉनिक खुफिया एवं निगरानी प्रणालियों सहित 79,000 करोड़ रुपये के हथियार और सैन्य साजो-सामान खरीदने के प्रस्तावों को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की बैठक में खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद खरीद पर यह दूसरा बड़ा फैसला है। पांच अगस्त को 67,000 करोड़ रुपये की खरीद परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि डीएसी ने लगभग 79,000 करोड़ रुपये की कुल लागत के विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी दी।
भारतीय नौसेना के लिए, लैंडिंग प्लेटफ़ॉर्म डॉक्स (एलपीडी), 30 मिमी नेवल सरफेस गन (एनएसजी), एडवांस्ड लाइट वेट टॉरपीडो (एएलडब्ल्यूटी), इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रा-रेड सर्च एंड ट्रैक सिस्टम और 76 मिमी सुपर रैपिड गन माउंट के लिए गोला-बारूद की खरीद को मंजूरी दी गई।
एलपीडी की खरीद से भारतीय नौसेना को भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के साथ जल-थल अभियानों को अंजाम देने में मदद मिलेगी। भारतीय नौसेना कम से कम चार एलपीडी खरीदने पर विचार कर रही है। एलपीडी द्वारा प्रदान की गई एकीकृत समुद्री क्षमता भारतीय नौसेना को शांति अभियानों, मानवीय सहायता और आपदा राहत में भी मदद करेगी।
बयान में कहा गया, ‘‘डीआरडीओ की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित एएलडब्ल्यूटी को शामिल करने से पारंपरिक, परमाणु और छोटी पनडुब्बियों को निशाना बनाया जा सकेगा।’’