आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
ब्लॉकचेन-संचालित डिजिटल मंच ‘सॉन्गप्रूफ’ अब भारत में उपलब्ध है। यह गायकों, गीतकारों, संगीतकारों और निर्माताओं को अपने संगीत का स्वामित्व तुरंत साबित करने की अनुमति देता है।
मनोरंजन, बौद्धिक संपदा और ब्लॉकचेन कानून में वर्षों का अनुभव रखने वाली भारतीय मूल की कनाडाई वकील हिना रिजवी ने कहा कि उन्होंने कलाकारों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सॉन्गप्रूफ की सह-स्थापना की।
इसे रचनाकारों को उनके गीत या बोल से सीधे जुड़ा हुआ टाइमस्टैम्प्ड डिजिटल प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि कुछ ही क्लिक से उनके काम को चुराया नहीं जा सकता, उसमें बदलाव नहीं जा सकता या किसी और के द्वारा उस पर दावा नहीं किया जा सकता।
रिजवी ने इस सप्ताह एक बयान में कहा, "भारतीय संगीत सिनेमा, स्ट्रीमिंग और वैश्विक संस्कृति को शक्ति प्रदान करता है। फिर भी यहां बहुत से रचनाकारों के पास अभी भी अपने काम की सुरक्षा करने का कोई विश्वसनीय तरीका नहीं है।"
ईस्ट लंदन यूनिवर्सिटी से स्नातक एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वकालत करने वाली रिजवी ने कहा, ‘‘सॉन्गप्रूफ उन्हें वह शक्ति देता है - तत्काल, निर्विवाद प्रमाण कि कोई गाना उनका है। ऐसे देश में जहां कॉपीराइट पंजीकरण का उपयोग कम होता है और कथित तौर पर गानों की चोरी व्यापक है, सॉन्गप्रूफ़ एक क्रांतिकारी समाधान प्रस्तुत करता है।’’