श्रीनगरदक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए वार्षिक तीर्थयात्रा गुरुवार सुबह आधिकारिक रूप से शुरू हो गई। पहले जत्थे ने बालटाल और नुनवान के दो प्रमुख आधार शिविरों से यात्रा का शुभारंभ किया। गुफा में स्थित प्राकृतिक रूप से निर्मित हिमलिंग के दर्शन हेतु पुरुष, महिलाएं और साधु-संत बड़ी श्रद्धा से निकले।
यात्रा परंपरागत 48 किलोमीटर लंबी नुनवान-पहलगाम मार्ग और 14 किलोमीटर के बालटाल मार्ग से शुरू की गई। प्रशासनिक अधिकारियों ने दोनों स्थानों से यात्रियों के पहले जत्थों को 'बम बम भोले' के जयघोष के साथ रवाना किया।
बुधवार को जम्मू के भगवती नगर यात्रा आधार शिविर से 5,892 श्रद्धालुओं का पहला जत्था जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। ये यात्री दोपहर में कश्मीर घाटी पहुंचे, जहां उन्हें प्रशासन और स्थानीय लोगों की ओर से भव्य स्वागत मिला।
श्रद्धालु दक्षिण कश्मीर की 3,880 मीटर ऊंची अमरनाथ गुफा में दर्शन करेंगे, जहां हर वर्ष प्राकृतिक रूप से हिमलिंग का निर्माण होता है, जिसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है।
यात्रा की सुरक्षा को लेकर बेहद कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस, केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और अन्य अर्धसैनिक बलों के हजारों जवान तैनात किए गए हैं। इसके अलावा हवाई निगरानी की भी व्यवस्था की गई है।
यह 38 दिवसीय तीर्थयात्रा 9 अगस्त को समाप्त होगी। यात्रा के दौरान सुरक्षा और सुविधाओं के हर पहलू पर प्रशासन की कड़ी निगरानी बनी हुई है, ताकि श्रद्धालुओं की श्रद्धा, सुरक्षा और सुविधा में कोई कमी न हो।