आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने ‘‘लोगों की चेतना जाग्रत’’ करने के लिए प्रतीकात्मक प्रयास के तौर पर बृहस्पतिवार सुबह ‘डमरू’ बजाते हुए दुर्गापुर शहर की सड़कों पर पदयात्रा की.
यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब राज्यसभा सदस्य समिक भट्टाचार्य का राज्य भाजपा अध्यक्ष के रूप में चुने जाना तय हो गया है, क्योंकि बुधवार की समय सीमा तक किसी अन्य उम्मीदवार ने इस पद के लिए नामांकन दाखिल नहीं किया.
‘डमरू’ के बारे में पूछे जाने पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘‘यह श्रावण मास है...भगवान शिव सभी की चेतना जाग्रत करने के लिए डमरू बजाते हैं. हम भी मौजूदा स्थिति को देखते हुए लोगों की चेतना को जाग्रत करने का प्रयास कर रहे हैं.
बहरहाल, उन्होंने यह नहीं बताया कि ‘‘मौजूदा स्थिति’’ से उनका क्या मतलब है.
नए प्रदेश पार्टी अध्यक्ष के तौर पर भट्टाचार्य के निर्वाचन पर प्रतिक्रिया देते हुए घोष ने कहा, ‘‘पार्टी जिसे उपयुक्त समझती है, उसे नियुक्त करती है. वह एक शिक्षित व्यक्ति हैं, अच्छे वक्ता हैं और अच्छी तरह तर्क-वितर्क करते हैं और पार्टी में पहले भी महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं.
घोष राज्य के पूर्व भाजपा अध्यक्ष रह चुके हैं, लेकिन अब वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैलियों सहित पार्टी के प्रमुख कार्यक्रमों से अनुपस्थित रहते हैं.
घोष ने अपनी पत्नी रिंकू मजूमदार के साथ तृणमूल कांग्रेस की सरकार द्वारा निर्मित दीघा के जगन्नाथ मंदिर में 30 अप्रैल को दर्शन किए थे और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी, जिसके बाद यह अटकलें लगायी जा रही हैं कि वह 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले पाला बदल सकते हैं.
बहरहाल, उन्होंने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें सरकार से एक आधिकारिक निमंत्रण मिला था और उनकी पार्टी ने किसी को भी वहां जाने से नहीं रोका है.