अहमदाबाद
भारत की पहली स्पेस आर्किटेक्चर और एनालॉग कंपनी ‘आका स्पेस’ (Aaka Space) ने दुनिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय मून/मार्स एनालॉग मिशन में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। यह भारत की किसी वैश्विक एनालॉग सिमुलेशन में पहली भागीदारी है।
यह दो सप्ताह का प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट मिशन 13 से 26 अक्टूबर के बीच आयोजित किया गया था, जिसमें पांच महाद्वीपों—अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, अमेरिका और यूरोप—के 17 एनालॉग हबिटेट्स शामिल थे। मिशन का समन्वय ऑस्ट्रियन स्पेस फोरम (OeWF) द्वारा वियना स्थित मिशन कंट्रोल सेंटर से किया गया। इस अभियान का उद्देश्य चंद्रमा और मंगल पर दीर्घकालिक मानव उपस्थिति के परिदृश्य को साकार रूप देना था।
आका स्पेस इससे पहले 2022 में भारत के पहले लूनर एनालॉग मिशन और लद्दाख ह्यूमन एनालॉग मिशन (LHAM) का सफल संचालन कर चुका है, जिसे इसरो, आईआईटी बॉम्बे और लद्दाख विश्वविद्यालय के सहयोग से पूरा किया गया था। इस वैश्विक मिशन के लिए आका स्पेस ने आईआईटी मद्रास, आईआईटी हैदराबाद, पीआरएल अहमदाबाद, निर्मा विश्वविद्यालय, केएसकेवी कच्छ विश्वविद्यालय, बीएसआईपी लखनऊ और सरकारी कला महाविद्यालय ऊटी व सलेम के साथ साझेदारी की।
भारतीय एनालॉग साइट गुजरात के कच्छ क्षेत्र में जुरासिक युग की झुरन सैंडस्टोन संरचना के पास स्थापित की गई, जो अपने हेमाटाइट युक्त गोलाकार संरचनाओं के लिए जानी जाती है — ठीक वैसे ही जैसे नासा के ‘ऑपर्च्युनिटी रोवर’ ने मंगल पर खोजे थे। यह क्षेत्र ग्रहीय विज्ञान, जीवविज्ञान और सिमुलेशन अनुसंधान के लिए एक अनोखा स्थल साबित हुआ।
आका स्पेस ने पूर्णतः सौर ऊर्जा से संचालित एनालॉग हबिटेट विकसित किया, जिसमें स्वदेशी लाइफ सपोर्ट सिस्टम, मिशन कंट्रोल हार्डवेयर- सॉफ्टवेयर और पर्यावरण सेंसर शामिल हैं — सभी का डिजाइन और निर्माण देश में ही किया गया।
मिशन का विशेष आकर्षण अंतरिक्ष यात्री प्रशांत नायर की भागीदारी रही, जिन्होंने मिशन कमांडर के रूप में एनालॉग हबिटेट में रहकर संचालन, पर्यावरण नियंत्रण और बाहरी गतिविधियों (EVA) की निगरानी की।
इसके अलावा, भारत की पहली क्रॉस-जेंडर एनालॉग क्रू टीम, जिसमें विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) जया तारे, कृष्णा बुलचंदानी और बालाजी कीर्तन शामिल थे, ने कई प्रयोग सफलतापूर्वक पूरे किए — जैसे:
एशिया की पहली 3डी-प्रिंटेड मार्स रेगोलिथ रेडिएशन शील्ड का विकास
रोवर आधारित सैंपल कलेक्शन मिशन
मंगल के लिए विशेष ऊर्जा भंडारण बैटरी का डिजाइन
चरम परिस्थितियों में जीवन पर टार्डिग्रेड (जलभालू) अध्ययन
एनालॉग परिस्थितियों में मानव शरीर व मानसिक स्वास्थ्य का परीक्षण
आका स्पेस की संस्थापक आस्था झाला ने कहा,“हर एनालॉग मिशन के साथ हम भारत की भूमिका को मानव अंतरिक्ष अन्वेषण के भविष्य में और मजबूत बना रहे हैं। हमारा लक्ष्य शोध, डिजाइन और मानवीय अनुभव को जोड़कर अंतरिक्ष विज्ञान को धरती के जीवन से जोड़ना है।”
इस मिशन की सफलता ने आका स्पेस को भारत के एनालॉग और स्पेस हबिटेट विकास क्षेत्र का अग्रणी बना दिया है और गुजरात के कच्छ क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय स्पेस रिसर्च, जियो-टूरिज्म और एस्ट्रोबायोलॉजी का उभरता केंद्र स्थापित किया है।