प्रत्यर्पण के बाद मेहुल चोकसी की भारत में निष्पक्ष सुनवाई का कोई जोखिम नहीं : बेल्जियम की अदालत

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 22-10-2025
प्रत्यर्पण के बाद मेहुल चोकसी की भारत में याचिका का कोई जोखिम नहीं: बेल्जियम की अदालत
प्रत्यर्पण के बाद मेहुल चोकसी की भारत में याचिका का कोई जोखिम नहीं: बेल्जियम की अदालत

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
 बेल्जियम की एक अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि ऐसा कोई जोखिम नहीं है कि भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के मामले में उसके प्रत्यर्पण के बाद भारत में निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी।
 
अदालत ने यह रेखांकित किया कि वह यातना, अमानवीय या अपमानजनक व्यवहार का सामना करने के किसी भी ‘‘गंभीर जोखिम’’ के दावे को साबित करने में विफल रहा है।
 
एंटवर्प में अपील न्यायालय की चार सदस्यीय पीठ को एंटवर्प जिला अदालत के ‘प्री-ट्रायल चैंबर’ द्वारा 29 नवंबर, 2024 को जारी किए गए आदेशों में कोई खामी नहीं मिली, जिसमें चोकसी के प्रत्यर्पण की अनुमति दी गई है।
 
जिला अदालत ने 23 मई, 2018 और 15 जून, 2021 को मुंबई की विशेष अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट को ‘‘लागू होने योग्य’’ बताया था, जिसे अपील अदालत ने 17 अक्टूबर के अपने आदेश में बरकरार रखा है। सबूतों के अभाव से संबंधित तीसरे वारंट को बेल्जियम की अदालत ने स्वीकार नहीं किया था।
 
अपील अदालत ने माना है कि चोकसी द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेज उसके इस दावे की पुष्टि नहीं करते हैं कि वह एक राजनीतिक हस्तक्षेप का शिकार हो सकता है।