नई दिल्ली
आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना, जिसे वर्ष 2018 में शुरू किया गया था, के तहत अब तक 9.19 करोड़ से अधिक मरीज अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं, जिनके इलाज पर कुल 1,29,386 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं। यह जानकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) की वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 में सामने आई है।
रिपोर्ट के अनुसार, योजना के तहत अब तक 40.45 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जो 14.69 करोड़ परिवारों को कवर करते हैं।
सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला उपचार हेमोडायलिसिस रहा, जो कुल मामलों का 14 प्रतिशत है। यानी, इस योजना के अंतर्गत डायलिसिस से जुड़े मरीजों की संख्या सबसे अधिक रही।
देशभर में 31,005 अस्पतालों को इस योजना में शामिल किया गया है, जिनमें से 55 प्रतिशत सरकारी और 45 प्रतिशत निजी अस्पताल हैं। इससे योजना की राष्ट्रव्यापी पहुंच सुनिश्चित हुई है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 82 प्रतिशत लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं। इनमें से 94 प्रतिशत लोगों के पास आधार सत्यापित आयुष्मान कार्ड हैं, जिससे योजना की पारदर्शिता, प्रामाणिकता और समावेशिता को मजबूती मिलती है।
आयुष्मान भारत योजना देश के उन लाखों परिवारों के लिए एक बड़ी राहत साबित हुई है, जो पहले महंगे इलाज के कारण अस्पताल जाने से कतराते थे।