– अयोध्या (उप्र)
अयोध्या में इस वर्ष होने वाले दीपोत्सव को लेकर श्रद्धालुओं में खासी उत्तेजना है. नगर प्रशासन, मंदिर प्रबंधन और होटल उद्योग की ओर से मिल रही जानकारी के अनुसार राम मंदिर दर्शन के ऑनलाइन स्लॉट 29 अक्टूबर तक लगभग पूरी तरह बुक हो चुके हैं, और स्थानीय होटल अधिकांशतः दीपोत्सव सप्ताह के लिए भर चुके हैं.
पिछले आठ वर्षों में अयोध्या का दीपोत्सव राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख आकर्षण बन गया है. सरयू नदी के तट पर और मंदिरों की परिक्रमा मार्गों पर लाखों दीयों को रोशन करके कई विश्व रिकॉर्ड बनाए गए हैं। इस बार की योजना भी बेहद महत्वाकांक्षी है.
दर्शन स्लॉट बुकिंग: कैसे हो रही है व्यवस्था?
राम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, इस वर्ष दर्शन स्लॉट बुक करने की मांग सर चढ़कर आई है. बुकिंग खुलने के कुछ ही घंटों के भीतर हजारों पास बुक होते गए। ट्रस्ट ने कहा है कि ’राम दरबार’ दर्शन के ऑनलाइन स्लॉट 29 अक्टूबर तक पूरी तरह भर गए हैं.इसके बाद, 29 अक्टूबर की आधी रात से अगली बुकिंग शुरू होगी.
प्रतिदिन दर्शन सुविधा सुचारू बनाने के लिए ट्रस्ट यह व्यवस्था कर रहा है कि लगभग 300 ऑनलाइन और 3,000 ऑफलाइन वीआईपी पास जारी किए जाएँ. इन पासों में सुबह और शाम की आरती स्लॉट शामिल होंगे। वीआईपी दर्शन की बढ़ती मांग के चलते ट्रस्ट कार्यालय और हेल्पलाइन नंबरों पर लगातार कॉल और पूछताछ की संख्या बढ़ गई है.
होटल व्यवसाय: जागरूकता और भारी बुकिंग
अयोध्या के होटल उद्योग में भी इस वर्ष दीपोत्सव को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. अधिकांश होटल पहले ही इस सप्ताह भर के लिए पूरी तरह से बुक हो चुके हैं। विशेष रूप से 18 और 19 अक्टूबर की बुकिंग पूरी तरह से भर चुकी है.
स्थानीय होटल व्यवसायी विशाल गंजूर ने बताया,“लोग हर दिन हमें बताकर पूछते रहते हैं कि कमरे उपलब्ध हैं या नहीं. लेकिन इस महीने अंत तक हमारे सभी कमरे पहले ही बुक हो चुके हैं.”होटल बुकिंग के इस बहाव ने यह दर्शाया है कि श्रद्धालु न केवल दर्शन के लिए, बल्कि अयोध्या में ठहरने की सुविधा के लिए भी पहले से ही योजनाएँ बना चुके हैं.
दीपोत्सव के पौराणिक और सांस्कृतिक महत्त्व
दिवाली अयोध्या के लिए विशेष महत्व रखती है क्योंकि रामायण के अनुसार इसी दिन भगवान राम, सीता और लक्ष्मण वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे. इस पावन स्मृति को उजागर करने के लिए दीपोत्सव मनाया जाता है—जिसमें अंधकार पर प्रकाश, अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक दिखाया जाता है.
हर वर्ष की तरह इस बार भी पूरे शहर को अनगिनत मिट्टी के दीयों, रंग-बिरंगी रोशनी और लाइटिंग से सुसज्जित किया जाएगा. शहर की मुख्य सड़कों, मंदिरों, घाटों और गलियों में थीम आधारित सजावट और रामायण के झांकियाँ लगाई जाएंगी.
तैयारियों का जनसमूह बहुत व्यापक है—स्थानीय प्रशासन, मंदिर ट्रस्ट, सजावट कमेटियाँ, सांस्कृतिक समूह और स्वयंसेवी संगठन मिलकर शहर को दिवाली-दीपोत्सव के अनुरूप सजाने का काम कर रहे हैं.
चुनौतियाँ और इंतज़ाम
– सबसे बड़ी चुनौती मंदिर दर्शन स्लॉट की मांग को संतुलित करना है ताकि हर भक्त को दर्शन का अवसर मिले.
– भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य सुविधाएँ और यातायात नियंत्रण को भी सुचारू रूप से संचालित करना ज़रूरी है.
– होटल और ठहरने की सुविधाओं की सीमितता कई श्रद्धालुओं के लिए बाधा बन सकती है.
– परिचालन को व्यवस्थित करने के लिए ट्रस्ट ने हेल्पलाइन, ऑनलाइन बुकिंग प्रणाली और अन्य संसाधनों को सुदृढ़ किया है.
इस वर्ष का दीपोत्सव न सिर्फ धार्मिक आस्था का उत्सव है, बल्कि अयोध्या की सांस्कृतिक और पर्यटन क्षमता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने का अवसर भी है.राम मंदिर दर्शन के इतने बड़े पैमाने पर बुकिंग, होटल बुकिंग की प्रतिस्पर्धा और पूरे शहर की सजावट यह संकेत देते हैं कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह आयोजन अविस्मरणीय बनेगा.
लेकिन सफलता इस बात पर मुन्नती है कि दर्शन व्यवस्था, सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधा किस तरह निर्बाध बनी रहे. यदि सभी इंतज़ाम ठीक तरह से हो जाएँ, तो यह दीपोत्सव अयोध्या के लिए इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ देगा.