आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
हालांकि एनर्जी ड्रिंक के सेवन से तुरंत ऊर्जा का एहसास होता है, लेकिन इन ड्रिंक का अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.ऐसा इसलिए,क्योंकि इन पेय पदार्थों में न केवल कैफीन होता है.
इसमें बड़ी मात्रा में चीनी भी होती है, जो मोटापे सहित कई बीमारियों का कारण बनती है.यह सच है कि एनर्जी ड्रिंक के लगातार सेवन से कुछ पुरुषों में अनिद्रा और बेचैनी हो सकती है.
इसलिए यदि आपको एनर्जी ड्रिंक की आदत को पूरी तरह से छोड़ना मुश्किल हो रहा है, तो कम से कम इसे बहुत कम कर दें.
मानसिक प्रदर्शन में वृद्धि
लगभग सभी ऊर्जा पेय में कैफीन होता है, जो मस्तिष्क को सक्रिय करने और खेल प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद करता है.प्रत्येक एनर्जी ड्रिंक में कैफीन की अलग-अलग मात्रा होती है.
चीनी
यह कैलोरी का प्राथमिक स्रोत है जो कुछ ऊर्जा पेय में बड़ी मात्रा में जोड़ा जाता है.हालांकि कुछ एनर्जी ड्रिंक्स में यह नहीं होता, लेकिन उनमें बड़ी मात्रा में कैलोरी भी होती है.
विटामिन बी
यह विटामिन भोजन को ऊर्जा में बदलने में अहम भूमिका निभाता है, जिससे मानव शरीर को ताकत ऊर्जा मिलती है.
एमिनो एसिड
टॉरिन और एल-कार्निटाइन जैसे पदार्थ शरीर के कई पहलुओं में सहायक होते हैं.उदाहरण के लिए, ग्वाराना कैफीन की शक्ति को बढ़ाता है, जबकि जिनसेंग के उपयोग से मस्तिष्क को ऊर्जा का एहसास होता है.
पुरुष एनर्जी ड्रिंक से क्यों बचें ?
हालांकि एनर्जी ड्रिंक के सेवन से एथलीटों को ऊर्जा मिलती है, लेकिन इनके सेवन से पुरुषों को कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी होती हैं, जिनमें से कुछ का उल्लेख नीचे किया गया है.
कुछ अस्वीकृत ऊर्जा पेय
ऐसे कुछ ऊर्जा पेय हैं जिनका विपणन खाद्य अनुपूरक के रूप में किया जाता है. यह खाद्य एवं औषधि प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित नहीं है.एनर्जी ड्रिंक के निर्माण में उपयोग की जाने वाली सामग्री की सूची कैन पर अंकित नहीं होती है, जिसके कारण खाद्य प्राधिकरण इन्हें लाइसेंस जारी नहीं करता है.
बाजार सर्वेक्षण से पता चला कि 27 ऊर्जा पेय में से केवल 16 में कैफीन की मात्रा उनकी पैकेजिंग पर सूचीबद्ध है.इन 16 एनर्जी ड्रिंक्स में से 5 में 20 प्रतिशत तक कैफीन था, जो कैन पर भी सूचीबद्ध था, जबकि कुछ में 70 प्रतिशत तक कैफीन था.
ये ऊर्जा पेय हैं जिन पर अवयव सूचीबद्ध हैं, तो उन पेय पदार्थों में कैफीन का अनुपात क्या होगा जिनमें सूचीबद्ध अवयव नहीं हैं? यदि आप एनर्जी ड्रिंक का उपयोग करना चाहते हैं, तो दैनिक मात्रा 473 मिलीलीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए .
बहुत ज्यादा चीनी
एनर्जी ड्रिंक में भी नियमित जूस या सॉफ्ट ड्रिंक जितनी ही चीनी होती है, यानी 6 चम्मच या उससे अधिक.अधिक चीनी के सेवन से होने वाले कुछ नुकसान नीचे बताए गए हैं.
शोध से यह भी पता चला है कि 200 मिलीग्राम कैफीन का सेवन हृदय प्रणाली को प्रभावित कर सकता है. इससे संभावित रूप से दिल की धड़कन बढ़ सकती है. यह मात्रा एक ऊर्जा पेय में मौजूद होती है.
याददाश्त का कमजोर होना
जो लोग अधिक मात्रा में एनर्जी ड्रिंक पीते हैं उनकी याददाश्त कमजोर हो जाती है.कुछ शोधों से पता चला है कि जो लोग एनर्जी ड्रिंक पीते थे उन्हें टेटनस हो गया. जब उन्होंने एनर्जी ड्रिंक पीना बंद कर दिया तो ये दौरे भी बंद हो गए.
क्रोध, तनाव और घबराहट
यह सच है कि खेल के मैदान पर एक एथलीट को एनर्जी ड्रिंक के सेवन से ऊर्जा बढ़ाने के रूप में तत्काल लाभ मिलता है.हालांकि, जो लोग इसके उपयोग के आदी हो जाते हैं, उन्हें अनिद्रा, घबराहट और गुस्से की स्थिति का अनुभव होता है.
नींद की कमी
स्लीप एंड रेस्पिरेटरी सिस्टम जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में विश्वविद्यालय के उन छात्रों पर भी प्रयोग किया गया जो एनर्जी ड्रिंक के आदी थे.इन छात्रों में अनिद्रा की बीमारी पाई गई जिसके कारण वे दिन भर थके रहते थे. अपना काम अच्छे से नहीं कर पाते थे.
दांतों में सड़न
स्वीडिश विशेषज्ञों द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई कि एनर्जी ड्रिंक का सेवन करने वालों के दांत जल्दी खराब हो जाते हैं.एनर्जी ड्रिंक में चीनी की मात्रा अधिक होती है और इसमें कॉर्न सिरप के रूप में फ्रुक्टोज होता है, जिससे मोटापा और टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है.
शुष्कता
इस संबंध में विशेषज्ञों का कहना है कि व्यायाम या खेल के बाद इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए या फिर अत्यधिक गर्मी में भी इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए. इसके इस्तेमाल से शरीर में शुष्कता बढ़ जाती है.
इसे दिन में एक बार लेने से कोई खास फर्क नहीं पड़ता, लेकिन इसे रोजाना की आदत नहीं बनना चाहिए.यदि आप अभी भी एनर्जी ड्रिंक का उपयोग करना चाहते हैं, तो इसके हानिकारक प्रभावों से बचने के लिए इसकी मात्रा प्रति दिन 473 मिलीलीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए.