हिन्‍दी के शिक्षक सिखाते हैं मोबाइल कोडिंग, सरकारी स्‍कूल को छात्रों को बनाया हाईटेक

Story by  शाहनवाज़ आलम | Published by  [email protected] | Date 04-09-2021
हिन्‍दी के शिक्षक सीखाते हैं मोबाइल कोडिंग
हिन्‍दी के शिक्षक सीखाते हैं मोबाइल कोडिंग

 

शाहनवाज आलम / गुरुग्राम (हरियाणा)

क्‍या हिन्‍दी और कंप्‍यूटर कोडिंग का कोई मेल है?शायद नहीं.लेकिन गुरुद्रोण की नगरी गुरुग्राम के एक सरकारी स्‍कूल के छात्र मोबाइल की कोडिंग करते है.ऐप बनाते है.ऐप में इतनी खूबियां की हरियाणा शिक्षा निदेशालय ने उसे अपना लिया-बच्‍चों को प्रोत्‍साहित किया.

यह सब मु‍मकिन हुआ एक हिन्‍दी विषय के शिक्षक के प्रयास से.आम तौर पर माना जाता है किसरकारी स्‍कूल के छात्र कंप्‍यूटर और कोडिंग से दूर होते है, लेकिन अगर शिक्षक सही दिशा में गाइड कर दें तो विद्यार्थी बुलंदियों के आसमां पर पहुंच सकते है.

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आइए मिलते हैं शिक्षक मनोज लाकड़ासे.हिन्‍दी में स्‍नातकोत्‍तर मनोज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, बजघेड़ा में बतौर मौलिक मुख्याध्यापक के रूप में कार्यरत हैं.सकारात्मक सोच रखते हुए शैक्षिक, सामाजिक गतिविधियों में सतत सक्रिय होने के साथ विद्यार्थियों को कोडिंग व मोबाइल ऐप डेवलपमेंट में मदद करते हैं.

आईटी के कार्य में विशेष योगदान के लिए भारत सरकार से इन्‍हें राष्‍ट्रीय शिक्षक अवार्ड से सम्‍मानित किया जा चुका है.मनोज लाकड़ा के मार्गदर्शन में उनकी कक्षा के चार छात्रों द्वारा ‘मिड डे मिल हरियाणा ऐप’ को डेवलप व डिजाइनतैयार किया.जिससे हरियाणा के हजारों शिक्षकों के साथ अन्य राज्यों के शिक्षकों को भी काफी फायदा हुआ.

हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा छात्रों के इस ऐप को अपनाया गया व सभी सरकारी विद्यालयों में लागू किया गया.छात्रों ने "समग्र मूल्यांकन ऐप, फीस रजिस्ट्रार ऐप, फण्ड व स्टॉक रजिस्टर ऐप, स्कॉउट व गाईड ऐप, प्रगति पथ ऐप को तैयार किया.विद्यालय वेबसाईट, ई-मैग्‍जीन, ब्लॉग एजुकेशनल गेम्स, सरकारी विद्यालयों की गुगल मैपिंग आदि कार्य छात्रों ने किए.

मनोज लाकड़ा का कहना है कि हिन्‍दी मूल विषय है, लेकिन तकनीक से मुझे बहुत प्रेम है.सोशल मीडिया, यूट्यूब और ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म के जरिये खुद मोबाइल कोडिंग व ऐप डिजाइनिंग को लेकर ज्ञान हासिल किया और फिर उसे छात्रों को प्रोत्‍साहित किया.छात्रों की दिलचस्‍पी को देखते हुए ग्रुप बनाकर काम करता हूं.अब तक एक दर्जन ऐप और कई वेबसाइट डेवलप कर चुके हैं.

उनका दावा है कि इनके कई छात्र जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तरीय जवाहरलाल नेहरू विज्ञान प्रदर्शनी प्रतियोगिता एससीईआरटी व एनसीईआरटी में लगातार तीन वर्ष पुरस्कार हासिल किए.

उनके छात्र हिमांशु कक्षा दसवीं ने एनसीईआरटी की कक्षा पहली से दसवीं की सभी पुस्तकों (अंग्रेजी व हिंदी दोनों माध्यम) को "प्रिडियोटिक टेबल ऑफ क्यू आर कोडिड पुस्तकों" में परिवर्तित करके आईसीटी के श्रेत्र में नवीन कार्य किया.

करीब 24क्यूआर कोडिड चार्टस् का निर्माण किया.जिसमें देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, महान वैज्ञानिक, नोबल पुरस्कार विजेता, महान खिलाड़ी, भारत की नदियां, पेड़-पौधे, व सबसे आकर्षक भारत का नक्शा, हरियाणा का नक्शा, कक्षा 1-10की सभी पुस्तकों इत्यादि के फोटो के साथ क्यूआर कोडिड चार्टस् का निर्माण किया.

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अध्यापक द्वारा बिना बिजली का मोबाइल टीवी का निर्माण किया गया.जिससे हरियाणा के ग्रामीण श्रेत्र के विद्यालयों को आसानी से स्मार्ट कक्षा में बदला जा सकता है .यह टीवी मोबाइल से चलता है जिसमें बिजली कनेक्शन की कोई आवश्यकता नहीं होती.

अध्यापक अपने मोबाइल का प्रयोग कर आसानी से अपने विद्यार्थियों को पाठ से संबंधित वीडियो को दिखा सकता है और समझा सकता है.मनोज लाकड़ा का दावा हे कि उन्होंने हरियाणा के करीब 1800 विद्यालयों में इस मोबाइल टीवी को अपने जेब खर्च पर मुफ्त में उपलब्ध करवाया है,ताकि बच्चों के कक्षा कक्ष को स्मार्ट बनाया जा सके.