नई दिल्ली।
करीब साठ वर्ष की उम्र के पड़ाव पर पहुंचने के बावजूद, पर्दे पर माधुरी दीक्षित की मौजूदगी आज भी वैसी ही जादुई है, जैसी तीन दशक पहले हुआ करती थी। ‘धक-धक गर्ल’ के नाम से मशहूर माधुरी की मुस्कान, उनकी चमकदार त्वचा और आत्मविश्वास आज भी लाखों दिलों को छू जाता है। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने अपनी इस शाश्वत खूबसूरती को बनाए रखने के लिए कभी प्लास्टिक सर्जरी या किसी कृत्रिम कॉस्मेटिक तरीके का सहारा नहीं लिया। लेकिन यही प्राकृतिक सुंदरता उनके करियर की शुरुआत में उनके लिए आलोचना का कारण भी बनी।
हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान माधुरी ने अपने शुरुआती दिनों का एक कड़वा अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि 90 के दशक की शुरुआत में, जब वह बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रही थीं, तब कई लोगों ने उनके चेहरे और शारीरिक बनावट पर सवाल उठाए।
माधुरी के शब्दों में, “जब मैं इंडस्ट्री में नई थी, तो लोग कहते थे कि मेरी नाक और होंठ सही शेप में नहीं हैं। कई लोगों ने मुझे सलाह दी कि अगर मुझे आगे बढ़ना है तो नाक और होंठ की सर्जरी करवा लेनी चाहिए।” उस दौर में इस तरह की बातें उन्हें मानसिक रूप से काफी परेशान करती थीं और कई बार आत्मविश्वास भी डगमगा जाता था।
इस कठिन समय में उनकी सबसे बड़ी ताकत उनकी मां बनीं। फिल्म तेज़ाब की रिलीज़ से पहले जब माधुरी बेहद तनाव में थीं, तब उनकी मां ने उन्हें एक ऐसा मंत्र दिया, जो आगे चलकर सच साबित हुआ। माधुरी बताती हैं, “मेरी मां ने मुझसे कहा था—एक बार फिल्म हिट हो जाए, फिर कोई तुम्हारी कमियों पर बात नहीं करेगा।”
वाकई, ‘तेज़ाब’ की ऐतिहासिक सफलता के बाद परिदृश्य पूरी तरह बदल गया। जो लोग कभी उनकी आलोचना करते थे, वही उनकी खूबसूरती और अदाओं के कायल हो गए। माधुरी रातोंरात सुपरस्टार बन गईं और उनकी ‘कमियां’ उनकी पहचान का हिस्सा बन गईं।
आज, जब बॉलीवुड में प्लास्टिक सर्जरी और कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट का चलन तेजी से बढ़ रहा है, माधुरी दीक्षित प्राकृतिक सुंदरता की पक्षधर हैं। उनका मानना है कि इंसान को खुद को वैसे ही स्वीकार करना चाहिए, जैसा वह है। नई पीढ़ी की अभिनेत्रियों को संदेश देते हुए उन्होंने कहा, “अपनी शक्ल-सूरत की चिंता छोड़ो, अपने काम पर ध्यान दो। अगर आपका काम मजबूत है, तो सफलता खुद-ब-खुद हर आलोचना का जवाब बन जाती है।”






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