मुंबई।
संगीत की दुनिया के महानतम नामों में शुमार ए. आर. रहमान ने हाल ही में अपने गुरु, पद्म विभूषण से सम्मानित दिवंगत उस्ताद गुलाम मुस्तफ़ा ख़ान को एक भावपूर्ण संगीतमय श्रद्धांजलि अर्पित की। मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्थित जियो वर्ल्ड गार्डन में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में सूफ़ी संगीत की रूहानी शाम ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
ऑस्कर विजेता संगीतकार रहमान ने अपने गुरु की स्मृति में ख्वाजा मेरे ख्वाजा, कुन फ़या कुन, मौला और इज़्ज़ु मंताशा जैसे सूफ़ी क्लासिक्स पेश किए। रहमान की आवाज़ और संगीत संयोजन में गुरु के प्रति सम्मान, कृतज्ञता और आत्मिक जुड़ाव साफ झलक रहा था। यह प्रस्तुति न सिर्फ़ एक श्रद्धांजलि थी, बल्कि भारतीय सूफ़ी संगीत परंपरा का उत्सव भी बन गई।
इस शाम की गरिमा को और ऊँचाई दी वरिष्ठ गायक हरिहरन की मधुर आवाज़ ने। वहीं उस्ताद गुलाम मुस्तफ़ा ख़ान के पुत्र—मुर्तुज़ा मुस्तफ़ा ख़ान, क़ादिर मुस्तफ़ा ख़ान, रब्बानी मुस्तफ़ा ख़ान और हसन मुस्तफ़ा ख़ान—के साथ उनके पोते फ़ैज़ मुस्तफ़ा ख़ान और ज़ैन मुस्तफ़ा ख़ान ने भी मंच संभाला। आओ बलमा, पिया हाजी अली और नूर-उन-अला जैसी रचनाओं ने पूरे माहौल को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया।
कार्यक्रम के दौरान भारतीय सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री हेमा मालिनी को ‘तीसरा पद्म विभूषण उस्ताद गुलाम मुस्तफ़ा ख़ान सम्मान’ प्रदान किया गया। यह सम्मान उन्हें भारतीय कला और संस्कृति में उनके अतुलनीय योगदान के लिए दिया गया। यह पुरस्कार महाराष्ट्र सरकार के आईटी और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री आशीष शेलार द्वारा प्रदान किया गया।
इस यादगार संध्या में अंजलि तेंदुलकर, सारा तेंदुलकर, निर्देशक हंसल मेहता, अभिनेता शरद केलकर, कीर्ति केलकर, आहाना कुमरा, ताहा शाह, डैनिश पंडोर तथा गायक आकृति कक्कड़ और बेनी दयाल सहित कई नामचीन हस्तियां मौजूद रहीं।
उस्ताद गुलाम मुस्तफ़ा ख़ान, जो रामपुर-सहसवान घराने के प्रमुख स्तंभ रहे, ने आशा भोंसले, सोनू निगम, शान, शिल्पा राव और ए.आर. रहमान जैसे अनेक महान गायकों को दिशा दी। यह संगीतमय श्रद्धांजलि उनके उसी अमर विरासत का सजीव प्रमाण बनकर सामने आई।






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