सीमा पर चंद पटाखे काम नहीं आएंगे: जावेद अख्तर ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 02-05-2025
Few crackers on border won't work: Javed Akhtar condemns Pahalgam terror attack, urges government to take
Few crackers on border won't work: Javed Akhtar condemns Pahalgam terror attack, urges government to take "solid steps"

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 
 
गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने केंद्र सरकार से कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में निर्दोष नागरिकों पर हुए अमानवीय आतंकी हमले में पाकिस्तान के कथित संबंधों के लिए उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया. जावेद अख्तर को गुरुवार को महाराष्ट्र के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित 'शानदार महाराष्ट्र महोत्सव' का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया गया था. 
 
महाराष्ट्र महोत्सव 2025 में राजनेताओं और अन्य उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए गीतकार जावेद अख्तर ने केंद्र सरकार से आतंकवाद के खिलाफ "ठोस कदम" उठाने का अनुरोध किया, क्योंकि उनका मानना है कि पहलगाम में खोई गई जानों के लिए "सीमा पर कुछ पटाखे" अभी भी पर्याप्त नहीं हैं. 
 
जावेद अख्तर ने कहा, "ऐसा एक बार नहीं, बल्कि कई बार हुआ है. मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह तत्काल कदम उठाए. सीमा पर कुछ पटाखे फोड़ने से काम नहीं चलेगा. अब ठोस कदम उठाएं. कुछ ऐसा करें कि वहां (पाकिस्तान) जो पागल आर्मी चीफ है, कोई समझदार व्यक्ति उसके जैसा भाषण न दे सके. वह कहता है कि हिंदू और मुसलमान अलग-अलग समुदाय हैं. उसे इस बात की भी परवाह नहीं है कि उसके देश में हिंदू भी हैं. तो क्या उनकी कोई इज्जत नहीं है? वह कैसा आदमी है? उन्हें मुंहतोड़ जवाब मिलना चाहिए ताकि वे याद रखें. इससे कम पर वे ध्यान नहीं देंगे. मैं राजनीति के बारे में ज्यादा नहीं जानता. लेकिन इतना जरूर जानता हूं कि अब 'आर या पार' का समय आ गया है." मशहूर पटकथा लेखक ने पहलगाम में आतंकी हमले में मारे गए मुंबई के तीन पर्यटकों को भी याद किया. जावेद अख्तर ने कहा, "इस राज्य के संजय लेले, अतुल मोने और हेमंत जोशी शांति और खुशी के पल की तलाश में थे. शायद उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था. इसी तलाश में वे पहलगाम गए. 
 
वहां उन्हें बेरहमी से गोली मार दी गई. हमें यह नहीं भूलना चाहिए. यह कोई साधारण बात नहीं है. दुश्मन और जो लोग हमारा बुरा चाहते हैं, उनकी नजर मुंबई पर है." 'शोले' की पटकथा के सह-लेखक ने अपने अतीत की एक घटना साझा की, जिसमें उन्होंने एक साहित्यिक उत्सव के लिए पाकिस्तान की यात्रा का जिक्र किया. "मैं एक साहित्यिक उत्सव के लिए लाहौर गया था. 
 
वे मुझसे अच्छे सवाल पूछ रहे थे और मैं जवाब दे रहा था. एक महिला ने उठकर मुझसे कहा कि भारतीय उन्हें (पाकिस्तानियों को) आतंकवादी मानते हैं. मैंने उससे कहा कि मैं मुंबई का निवासी हूं और मैंने अपने शहर को जलते हुए देखा है. इसे जलाने वाले स्वीडन या मिस्र से नहीं आए थे; वे लोग आज भी आपके शहर में खुलेआम घूम रहे हैं," जावेद अख्तर ने कहा. गीतकार ने यह भी साझा किया कि भारत ने हमेशा पाकिस्तान के साथ शांति की मांग की है, लेकिन पड़ोसी देश ने इसका जवाब देने से इनकार कर दिया है. 
 
गीतकार जावेद अख्तर ने कहा, "पहलगाम में जो हुआ, वह कुछ दिनों के बाद बार-बार होता रहता है. यह दुखद है. मुंबई या इस देश ने आपका क्या बिगाड़ा है? चाहे कांग्रेस सरकार हो या भाजपा, उसने हमेशा पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध रखने की कोशिश की है." 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे.