नई दिल्ली
आशीष विद्यार्थी हिंदी सिनेमा और दक्षिण भारतीय फिल्मों के एक जाने-माने अभिनेता हैं। सौ से अधिक फिल्मों में अभिनय कर चुके आशीष ने अपने करियर में कई तरह की भूमिकाएँ निभाई हैं। हालांकि, हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने जीवन के उस कठिन दौर का खुलासा किया, जब राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने के बावजूद वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे।
सिद्धार्थ कन्नन से बातचीत में आशीष ने याद किया कि फिल्म द्रोहकाल के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। फिल्म के निर्देशक गोविंद निहलानी ने उनसे इस मौके पर पार्टी देने का सुझाव दिया। लेकिन उस समय वे इतने हालात में थे कि घर का किराया तक चुकाना मुश्किल हो रहा था।
आशीष ने हँसते हुए कहा— “निर्देशक ने कहा कि मेनलैंड चाइना रेस्तरां बुक कर लो। मैंने उसे सिर्फ बाहर से देखा था, वहाँ खाने का तो मैंने कभी सोचा तक नहीं था।”
फिर भी, एक दोस्त के हौसले से उन्होंने पार्टी आयोजित की। लेकिन पूरी शाम वे घबराए रहे। उन्होंने आगे बताया— “मैंने सिर्फ नींबू पानी हाथ में लिया हुआ था ताकि बिल न बढ़े। उस दिन जो शराब नहीं पीते थे, उन्होंने भी शराब माँगी और जो शाकाहारी थे, वे भी मांस चाहते थे! मैं इतना डर गया कि गोविंद निहलानी को एक तरफ ले जाकर पूछा— अगर मैं बिल न चुका पाया तो क्या होगा? क्या मुझे बर्तन धोने होंगे? क्या पुलिस बुला ली जाएगी?”
तब निर्देशक ने मुस्कराकर उन्हें भरोसा दिलाया कि वह बिल चुका देंगे। उस भरोसे के बाद ही आशीष चैन की साँस ले पाए और शाम का आनंद उठा सके।
इंटरव्यू में आशीष ने अपने करियर को लेकर भी कहा कि माता-पिता की आर्थिक जिम्मेदारियों के कारण उन्होंने जो भी काम मिला, उसे स्वीकार किया। इसी वजह से उन्हें कई बी-ग्रेड फिल्मों में भी काम करना पड़ा।
आज वही आशीष विद्यार्थी न सिर्फ एक सफल अभिनेता हैं, बल्कि प्रेरक वक्ता और फूड व्लॉगर के रूप में भी लोकप्रिय हैं। हाल ही में उन्हें रियलिटी शो द ट्रेटर्स में एक प्रतियोगी के तौर पर देखा गया।