आवाज द वाॅयस/नई दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ़ ने अपने पद पर एक वर्ष पूर्ण कर लिया है. इस दौरान विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक उत्कृष्टता, प्रशासनिक दक्षता, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) का प्रभावी कार्यान्वयन और वैश्विक दृष्टिकोण में अभूतपूर्व प्रगति की है. प्रो. आसिफ़ के नेतृत्व में जेएमआई ने न केवल शैक्षणिक क्षेत्र में बल्कि प्रशासनिक, सांस्कृतिक और सामाजिक जिम्मेदारियों में भी नई मिसाल कायम की है. उनके कार्यकाल का यह पहला वर्ष विश्वविद्यालय के 105वें स्थापना दिवस और तालीमी मेला समारोह के साथ समाप्त होगा, जो इस वर्ष कोविड-19 महामारी के बाद पहली बार छह दिवसीय उत्सव के रूप में आयोजित किया जा रहा है. यह मेला विश्वविद्यालय की जीवंत सांस्कृतिक विरासत, शिक्षा में नेतृत्व और सामाजिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है.
प्रो. आसिफ़ के नेतृत्व में जेएमआई ने शैक्षणिक विस्तार और गुणवत्ता में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है. विश्वविद्यालय ने अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पाठ्यक्रम और शोध कार्यक्रम विकसित किए हैं, जिससे न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी प्रतिष्ठा में भी वृद्धि हुई है. प्रतिष्ठित टाइम्स हायर एजुकेशन (THE) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में जेएमआई ने 401-500 बैंड में स्थान प्राप्त किया, जिससे यह भारत का तीसरा सर्वोच्च रैंक वाला केंद्रीय विश्वविद्यालय बन गया. पिछले वर्ष की तुलना में यह एक महत्वपूर्ण उन्नति है, जब विश्वविद्यालय 501-600 बैंड में था. इसके अतिरिक्त, NIRF 2025 रैंकिंग में जेएमआई ने विश्वविद्यालय श्रेणी में चौथा स्थान और समग्र श्रेणी में 13वीं रैंक बनाए रखी. सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के अनुसार जेएमआई ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है, जो पर्यावरण संरक्षण और समाज के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
शैक्षणिक नवाचार के क्षेत्र में भी प्रो. आसिफ़ के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने जर्मन और जापानी अध्ययन में बी.ए. (ऑनर्स) और बाल मार्गदर्शन और परामर्श में उन्नत डिप्लोमा जैसे नए पाठ्यक्रम शुरू किए, जो छात्रों को बहुभाषी दक्षता, अंतर-सांस्कृतिक क्षमता और उद्योग-उन्मुख कौशल से लैस करने के उद्देश्य से डिजाइन किए गए हैं. इसके अलावा, जेएमआई को दंत चिकित्सा में एमडीएस कार्यक्रम शुरू करने और पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग की स्थापना के लिए शिक्षा मंत्रालय से वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है. यह कदम विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक पुस्तकालय के कायाकल्प और नए शैक्षणिक अवसरों की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में देखा जा रहा है.
प्रशासनिक सुधार और पारदर्शिता के क्षेत्र में भी जेएमआई ने एक नया मानक स्थापित किया है. इस वर्ष सभी प्रवेश प्रक्रियाओं में पूर्ण पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित की गई, जिससे विद्यार्थियों और अभिभावकों के विश्वास में वृद्धि हुई. संकाय पदोन्नति, रिक्त पदों पर नियुक्ति और कर्मचारियों के वेतन वितरण में सुधार करते हुए लंबे समय से लंबित पदोन्नति और वेतन भुगतान को समय पर लागू किया गया. 55 से अधिक शिक्षकों और 300 से अधिक गैर-शिक्षण कर्मचारियों को उनके लंबित पदोन्नति लाभ प्रदान किए गए, और कई वर्षों से रिक्त पड़े पदों पर शिक्षकों की नियुक्तियाँ भी की गईं। संविदा, ग्रेड 3 और 4 के कर्मचारियों को समय पर वेतन सुनिश्चित किया गया, जिससे विश्वविद्यालय समुदाय में समानता और वित्तीय सुरक्षा का संदेश गया.
वैश्विक सहभागिता और सांस्कृतिक कूटनीति के क्षेत्र में भी प्रो. आसिफ़ और रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिज़वी के नेतृत्व में जेएमआई ने महत्वपूर्ण पहल की है. विश्वविद्यालय ने विदेशी छात्र सलाहकार कार्यालय, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और पूर्व छात्रों से जुड़ाव के लिए नए कार्यालय स्थापित किए. विश्वविद्यालय ने विदेशों से आए छात्रों के लिए अभिविन्यास कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें 15 से अधिक देशों के राजदूतों और सांस्कृतिक-अताशे ने भाग लिया. प्रो. आसिफ़ ने व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक दीक्षांत समारोह और छात्र प्रेरणा कार्यक्रम में हिस्सा लेकर नए छात्रों का गर्मजोशी से स्वागत किया और उनका आत्मविश्वास बढ़ाया.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) का कार्यान्वयन भी उनके कार्यकाल का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा। जेएमआई ने अपनी सभी पाठ्यक्रम संरचनाओं में एनईपी के दिशानिर्देशों को पूरी तरह से लागू किया, जिससे विश्वविद्यालय एनईपी अनुपालन में अग्रणी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शामिल हुआ। इसके अतिरिक्त, भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) के तहत नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए, जो भारत की सभ्यतागत विरासत को आधुनिक शिक्षा के साथ जोड़ते हैं.
प्रो. आसिफ़ और प्रो. रिज़वी ने संकाय भर्ती, पदोन्नति और प्रशासनिक पारदर्शिता पर विशेष जोर दिया. उन्होंने सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सम्मान में मासिक विदाई और अभिनंदन समारोह की नई परंपरा शुरू की. विश्वविद्यालय में परीक्षा प्रक्रिया को अधिक छात्र-अनुकूल बनाने के लिए डिजिटल पहल शुरू की गई, जिसमें प्रोविज़नल मार्कशीट ऑनलाइन जारी करने की सुविधा भी शामिल है.
प्रो. आसिफ़ और प्रो. रिज़वी ने अपने दृष्टिकोण में स्पष्ट किया है कि जामिया को शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता प्राप्त करने वाला एक विशिष्ट संस्थान बनाना उनका प्राथमिक लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि उनके समर्पित संकाय, कर्मचारियों और पूरे विश्वविद्यालय समुदाय के सहयोग से यह लक्ष्य संभव है. पिछले एक वर्ष में उन्होंने जेएमआई को शैक्षणिक उत्कृष्टता, प्रशासनिक दक्षता और वैश्विक सहभागिता में नई ऊँचाईयों पर पहुँचाया है, और आने वाले वर्षों में विश्वविद्यालय को और अधिक सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे.