नई दिल्ली
भ्रष्टाचार देश की आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक प्रगति में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक है। इस दिशा में जागरूकता और नैतिकता बढ़ाने के उद्देश्य से, जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जामिया मिल्लिया इस्लामिया) के कर्मचारियों ने आज सत्यनिष्ठा की शपथ ली। यह शपथ विश्वविद्यालय में आयोजित ‘सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025’ के तहत दिलाई गई और इसका लक्ष्य एक भ्रष्टाचार मुक्त संस्थान और समाज का निर्माण करना है।
शपथ ग्रहण समारोह जामिया के मुख्य प्रशासनिक भवन के लॉन में आयोजित किया गया, जिसमें रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिज़वी ने कर्मचारियों को हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर शिक्षण संकाय और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने निम्नलिखित प्रतिबद्धताओं का संकल्प लिया:
नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं को बढ़ावा देना।
ईमानदारी और सत्यनिष्ठा की संस्कृति को संस्थान में स्थापित करना।
रिश्वत न देना और न लेना।
पारदर्शिता, जवाबदेही और निष्पक्षता पर आधारित सुशासन सुनिश्चित करना।
व्यवसाय संचालन में सभी प्रासंगिक कानूनों, नियमों और अनुपालन तंत्रों का पालन करना।
कर्मचारियों के लिए आचार संहिता अपनाना और उसे लागू करना।
कार्य से संबंधित कानूनों और विनियमों के प्रति संवेदनशील रहना।
शिकायतों और धोखाधड़ी की घटनाओं की सूचना देने हेतु शिकायत निवारण और व्हिसल ब्लोअर तंत्र का पालन करना।
हितधारकों और समाज के अधिकारों एवं हितों की रक्षा करना।
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के अनुसार, सतर्कता जागरूकता सप्ताह का आयोजन हर वर्ष किया जाता है ताकि सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी को बढ़ावा दिया जा सके और भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण किया जा सके।
इस प्रकार जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कर्मचारियों ने न केवल व्यक्तिगत नैतिकता का संकल्प लिया, बल्कि संस्थान और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का भी प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया।