एनईपी राज्यों को स्कूल की पाठ्यपुस्तकें तैयार करने का अधिकार: केरल के शिक्षा मंत्री

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 26-10-2025
NEP states have the right to prepare school textbooks: Kerala Education Minister
NEP states have the right to prepare school textbooks: Kerala Education Minister

 

तिरुवनंतपुरम

केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि स्कूल की पाठ्यपुस्तकें तैयार करने और प्रकाशित करने का अधिकार राज्यों के पास है, इसलिए इस मामले में किसी तरह की चिंता की आवश्यकता नहीं है।

राज्य द्वारा हाल ही में पीएम श्री योजना (PM SHRI Scheme) पर हस्ताक्षर किए जाने को लेकर जारी विवाद के बीच मंत्री ने इस निर्णय का बचाव किया और कहा कि एनईपी के कई प्रावधान पहले से ही केरल में लागू किए जा चुके हैं।

शिवनकुट्टी ने पत्रकारों से कहा, “हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (MoU) में स्पष्ट रूप से लिखा है कि हम किसी भी समय इस समझौते से बाहर निकल सकते हैं। यह निर्णय दोनों पक्षों के बीच विचार-विमर्श और सहमति के बाद लिया जा सकता है। अगर सहमति नहीं बनती है, तो हमें अदालत का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता भी है।”

उन्होंने दो टूक कहा कि लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) की लंबे समय से चली आ रही शिक्षा नीति से केरल किसी भी हालत में पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता के. सुरेन्द्रन का यह कहना कि राज्य की स्कूल किताबों में आरएसएस नेताओं के बारे में पढ़ाया जाएगा, केवल उनका “सपना” बनकर रह जाएगा।

मंत्री ने दोहराया, “स्कूल की पाठ्यपुस्तकें तैयार करने का अधिकार राज्यों के पास है, इसलिए इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार की चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है।”

शिवनकुट्टी ने यह भी कहा कि यह मामला राज्य के 47 लाख छात्रों से जुड़ा हुआ है, और सरकार की प्राथमिकता केवल यही है कि गरीब और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के छात्रों के लिए केंद्र से मिलने वाली निधि प्रभावित न हो।

वहीं, विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने कहा कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 10 अक्टूबर को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।

उन्होंने आरोप लगाया, “पीएम श्री योजना पर हस्ताक्षर 16 अक्टूबर को किए गए। मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि 10 अक्टूबर को दिल्ली में क्या हुआ। वहां किस प्रकार की बातचीत या समझौता हुआ? किसने मुख्यमंत्री पर दबाव डाला?”

सतीशन ने दावा किया कि जब 22 अक्टूबर को कैबिनेट बैठक में सीपीआई ने इस मुद्दे का विरोध किया, तब मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री दोनों ने चुप्पी साधे रखी। उन्होंने आरोप लगाया कि “उन्होंने अपने ही मंत्रियों को भी धोखा दिया।”