वैज्ञानिकों का अनुमान, इस बार सामान्य रहेगा मॉनसून

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 02-02-2021
इस बार सामान्य रहेगा मॉनसून (फोटोः एएनआइ)
इस बार सामान्य रहेगा मॉनसून (फोटोः एएनआइ)

 

मंजीत ठाकुर   

भारतीय कृषि और अर्थव्यवस्था को जिन चीजों का इंतजार होता है, उनमें से एक है मॉनसून की स्थिति. देश में करीबन आधी आबादी खेती-बाड़ी में लगी है और जीडीपी में कृषि सेक्टर का योगदान भी करीबन 17 फीसद है. ऐसे में, कृषि की स्थिति ठीक-ठाक रही तो मंदी की मार झेल रही भारतीय अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ सकती है.

ऐसे में, एक अच्छी खबर यह है कि मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली एजेंसियों ने इस साल मॉनसून के सामान्य रहने की भविष्यवाणी की है.

मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काइमेट ने कहा है कि इस साल देश में मॉनसून सामान्य रहेगा. एजेंसी के मुताबिक, “वैश्विक मौसमी स्थितियों के अब तक के आकलन संकेत करते हैं कि 2021 भी सामान्य मॉनसून बारिश वाला वर्ष होगा.मॉनसून का आगाज काफी अच्छा होने की संभावना है और यह दीर्घावधि औसत वर्षा 880.6 मिमी की तुलना में सामान्य बारिश की रेंज 96% से 104% के उच्चतम स्तर की तरफ होगा.हालांकि शुरुआती रुझान कुछ क्षेत्रों में कम बारिश के भी मिल रहे हैं.”

स्काइमेट के विश्लेषकों के मुताबिक, इस समय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान व्यापक रूप में नीचे है और ला नीना की स्थिति अपने चरम पर पहुंच गई है. समुद्र की सतह के तापमान में जल्द गिरावट होने की संभावना है. नतीजतन, ला नीना की स्थिति में बदलाव देखने को मिलेगा और मॉनसून के दस्तक देने के समय यह 50 फीसद तक कम हो सकता है.

गौरतलब है कि पिछले साल मॉनसून की लगाम ला नीना के हाथों में थी जो इस समय अपने चरम पर पहुंच गया है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, बसंत ऋतु से यह कमजोर होने लगेगा और मॉनसून सीजन में इसके तटस्थ रहने की संभावना है. इसका मतलब यह भी हुआ कि कमजोर होते ला नीना के साथ मॉनसून 2021 की शुरुआत होने वाली है और यह अच्छे संकेत हैं.

स्काइमेट के मुताबिक, “यह मॉनसून ज़बरदस्त यानी सामान्य से अधिक बारिश वाला तो नहीं होगा लेकिन इसके खराब होने की भी आशंका फिलहाल नहीं है.”

हालांकि, स्काइमेट के विश्लेषकों का कहना है कि यह पुर्वानुमान प्राथमिक संभाव्यता है और मॉनसून के बारे में विस्तार से फरवरी और मार्च के लिए मॉडल पूर्वानुमानों का विश्लेषण किए जाने पर ही पता चलेगा.