India will not give any duty exemption on diamonds, silver, smartphones, optical fiber under FTA with UK
आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
भारत मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत हीरा, चांदी, स्मार्टफोन और ऑप्टिकल फाइबर जैसे कई संवेदनशील औद्योगिक उत्पादों पर ब्रिटेन की कंपनियों को कोई शुल्क रियायत नहीं देगा. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेन से पेट्रोल और डीजल इंजन वाहन के आयात पर शुल्क रियायत पूर्व-निर्धारित कोटा तक सीमित है. इसी तरह, सीमा शुल्क की रियायती दर पर ब्रिटिश इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के आयात का कोटा केवल कुछ हजार तक सीमित है.
प्लास्टिक, हीरा, चांदी, बेस स्टेशन, स्मार्टफोन, टेलीविजन कैमरा ट्यूब, ऑप्टिकल फाइबर, ऑप्टिकल फाइबर बंडल और केबल जैसे संवेदनशील औद्योगिक सामान एफटीए को एफटीए की सूची से बाहर रखा गया है. भारत, ब्रिटेन को इन वस्तुओं पर कोई आयात शुल्क लाभ नहीं देता है.
वाहन क्षेत्र को खोलने के बारे में अधिकारी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर चौथे सबसे बड़े वाहन विनिर्माता के रूप में भारत के पास वाहन मूल्य श्रृंखला में वैश्विक अगुवा के रूप में उभरने की रणनीतिक क्षमता है. भारत के मजबूत विनिर्माण आधार के बावजूद, वैश्विक वाहन बाजार में इसकी हिस्सेदारी कम बनी हुई है, जो विस्तार की व्यापक संभावनाओं को दर्शाता है.
आईसीई (आंतरिक दहन इंजन) यानी परंपरागत ईंधन के वाहनों के लिए ब्रिटेन के बाजार तक पहुंच से देश के वाहन और वाहन कलपुर्जों के निर्यात को बढ़ावा मिलने की संभावना है. अधिकारी ने कहा, ‘‘ईवी के लिए कोटा से बाहर शुल्क में कोई कमी नहीं की गई है. ईवी से जुड़ी संवेदनशीलता का ध्यान रखा गया है. आईसीई वाहनों पर कोटा से बाहर शुल्क को लंबे समय में धीरे-धीरे कम किया जाएगा, जिससे हमारे उद्योगों को ब्रिटेन से बढ़ने वाले आयात का मुकाबला करने के लिए वक्त मिल सके.’’
भारत और ब्रिटेन ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात पर शुल्क कम करेगा और ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारत को व्हिस्की, कार और अन्य उत्पादों का निर्यात करना आसान बना देगा. इस समझौते का मकसद 2030 तक दोतरफा व्यापार को मौजूदा के 60 अरब अमेरिकी डॉलर से दोगुना करना है.