आईएमएफ को उम्मीद, भारत बनेगा वैश्विक विकास का इंजन

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 18-04-2024
IMF hopes India will become the engine of global growth
IMF hopes India will become the engine of global growth

 

नई दिल्ली. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड) जैसी बहुपक्षीय संस्थाएं भारत को भविष्य में वैश्विक आर्थिक विकास के संभावित इंजन के रूप में देखती हैं, क्योंकि देश सबसे तेजी से बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्था बन गया है, जबकि चीन की जीडीपी वृद्धि दर 2024 में 4.6 प्रतिशत आंकी गई है जिसके 2025 में और धीमी होकर 4.1 प्रतिशत रहने की संभावना है.

आईएमएफ की मंगलवार को जारी विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट ने न केवल 2024-25 के लिए भारत की वृद्धि का अनुमान 0.3 प्रतिशत बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया, बल्कि देश को एक उम्मीद की किरण भी बताया है जो "मध्यम अवधि में वैश्विक विकास का समर्थन करता है जिसका फायदा दूसरे देशों को भी होगा".

रियल एस्टेट क्षेत्र में गिरावट और अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण चीन के पिछड़ने के साथ आईएमएफ की रिपोर्ट कहा गया है कि भारत और ब्राजील जैसे अन्य बड़े उभरते बाजार वाले जी20 देश वैश्विक व्यापार प्रणाली में एक बड़ी भूमिका निभाएंगे और वैश्विक विकास को आगे बढ़ाएंगे.

आईएमएफ की रिपोर्ट भारत की आर्थिक नीति पर भी मुहर लगाती है क्योंकि यह मजबूत विकास दर का श्रेय "मजबूत घरेलू मांग" को देती है, जो ग्रामीण मांग के पटरी पर लौटने के साथ राजमार्गों, रेलवे, बंदरगाहों और बिजली संयंत्रों जैसी बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर सरकारी खर्च में भारी वृद्धि के कारण बनी है.

कृषि के लिए बढ़े हुए आवंटन, मनरेगा जैसी ग्रामीण रोजगार योजनाओं और महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए विशेष कार्यक्रमों ने ग्रामीण मांग को बढ़ाने और औद्योगिक उत्पादों के लिए एक बड़ा बाजार बनाने में मदद की है.

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के 10 साल के कार्यकाल के दौरान 90,000 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए गए हैं, जो कि उससे पहले के 10 साल की तुलना में लगभग दोगुना है.

राजमार्ग बुनियादी ढांचे में सरकारी निवेश 2013-14 में 51,000 करोड़ रुपये से चार गुना से अधिक बढ़कर 2022-23 में 2.4 लाख करोड़ रुपये हो गया. मंगलवार को जारी नवीनतम अंकटाड रिपोर्ट में 2024 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि 2.6 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया गया है, जो आमतौर पर मंदी के दौर से जुड़ी 2.5 प्रतिशत की सीमा से बमुश्किल ऊपर है.

हालांकि, निराशाजनक वैश्विक परिदृश्य के बीच, इसमें कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत सार्वजनिक निवेश और सेवा क्षेत्र की वृद्धि से उत्साहित है, जिसमें 2024 में 6.5 प्रतिशत का विस्तार होने का अनुमान है.

 

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