वाशिंगटन
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर मौजूद एक्सपेडिशन 73 और एक्सिओम मिशन 4 (Ax-4) के 11 अंतरिक्ष यात्रियों ने मंगलवार को अपना वैज्ञानिक अनुसंधान कार्य फिर से शुरू कर दिया। नासा के अनुसार, अनुसंधान का फोकस मस्तिष्क में रक्त प्रवाह, कैंसर कोशिकाओं का अवलोकन और जैव प्रौद्योगिकी जैसे विषयों पर रहा।
जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) के स्टेशन कमांडर टाकुया ओनिशी ने मस्तिष्क से हृदय तक रक्त प्रवाह को मापने के लिए अपनी गर्दन और सीने पर सेंसर लगाए। यह डाटा डॉक्टरों को यह समझने में मदद करेगा कि शून्य गुरुत्वाकर्षण (microgravity) में रक्त संचार कैसे अनुकूलित होता है।
इसी विषय पर Ax-4 के अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन और तिबोर कापू ने भी एक अन्य प्रयोग किया। कापू ने सिर पर एक विशेष कैप पहन रखी थी, जिससे व्हिटसन ने डॉपलर अल्ट्रासाउंड की मदद से उनकी मस्तिष्क धमनी में रक्त प्रवाह का अध्ययन किया। उनके रक्तचाप की भी एक विशेष कफ द्वारा माप ली गई। यह प्रयोग माइक्रोग्रैविटी में अंतरिक्ष यात्रियों की दृष्टि और धारणा को सुरक्षित रखने के लिए किया गया।
बाद में व्हिटसन ने एक फ्लोरेसेंस माइक्रोस्कोप की सहायता से कैंसर कोशिकाओं का अध्ययन किया, ताकि कैंसर की पहचान और रोकथाम को बेहतर बनाया जा सके।
नासा फ्लाइट इंजीनियर्स ऐनी मैकक्लेन और निकोले आयर्स ने मंगलवार को Ax-4 टीम के वैज्ञानिक कार्यों में सहयोग किया। मैकक्लेन ने अंतरिक्ष स्टेशन की प्रयोगशाला में निजी अंतरिक्ष यात्रियों को अनुसंधान उपकरण संचालित करने में सहायता दी, जबकि आयर्स ने डेस्टिनी लैबोरेटरी मॉड्यूल में एक माइक्रोस्कोप तैयार किया, जिसका उपयोग Ax-4 के सदस्य शुभांशु शुक्ला ने टार्डीग्रेड्स (एक प्रकार के सूक्ष्म जलीय जीव) का अध्ययन करने में किया—जो चरम परिस्थितियों, यहां तक कि माइक्रोग्रैविटी में भी जीवित रहते हैं।
Ax-4 के एक और अंतरिक्ष यात्री स्लावोश उज्नान्स्की-विस्निएव्स्की ने पहनने योग्य उपकरणों में नैनोमैटेरियल्स के उपयोग पर अनुसंधान किया, जो चालक दल के स्वास्थ्य की निगरानी में सहायक हो सकते हैं।
नासा के फ्लाइट इंजीनियर जॉनी किम ने कमांडर ओनिशी के साथ मिलकर खून के नमूने एकत्र किए, उन्हें सेंट्रीफ्यूज में प्रोसेस किया और फिर विज्ञान फ्रीज़र में संरक्षित किया। इसके बाद उन्होंने हार्मनी मॉड्यूल में हार्डवेयर को पुनर्गठित किया और क्वेस्ट एयरलॉक में वेंटिलेशन सिस्टम के उपकरण लगाए।
प्रोग्रेस 90 मालवाहक यान का मिशन समाप्त
मंगलवार को बिना चालक वाला प्रोग्रेस 90 मालवाहक यान, जो कचरे से भरा हुआ था, दोपहर 2:42 बजे (स्थानीय समयानुसार) पोइस्क मॉड्यूल से अलग हो गया। अब यह पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करके दक्षिण प्रशांत महासागर के ऊपर सुरक्षित रूप से जल जाएगा, जिससे इसका सात महीने का अंतरिक्ष आपूर्ति मिशन समाप्त हो जाएगा।
इसकी जगह लेने के लिए प्रोग्रेस 92 मालवाहक यान कजाखस्तान के बैकानूर कॉस्मोड्रोम में लॉन्चिंग के लिए तैयार खड़ा है। इसका प्रक्षेपण गुरुवार को दोपहर 3:32 बजे (स्थानीय समय) पर निर्धारित है और यह शनिवार शाम 5:27 बजे पोइस्क मॉड्यूल से जुड़ेगा। यह यान अंतरिक्ष स्टेशन के निवासियों के लिए लगभग 3,000 पाउंड भोजन, ईंधन और आवश्यक वस्तुएं लेकर आएगा।
रॉसकॉसमॉस (रूस) के फ्लाइट इंजीनियर्स की तैयारी
रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस के इंजीनियर सर्गेई रिजिकोव और अलेक्सी जुब्रित्स्की ने प्रोग्रेस 92 के आगमन से पहले टेलीरॉबोटिक ऑपरेटेड रेंडेज़वस यूनिट (TORU) पर प्रशिक्षण लिया। रिजिकोव ने इसके बाद मैक्सिको और दक्षिण अमेरिका के स्थलों की हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग के लिए उपकरण स्थापित किए। जुब्रित्स्की ने प्रोग्रेस 90 के स्टेशन से हटते समय उसकी तस्वीरें लीं।
वहीं, फ्लाइट इंजीनियर किरिल पेस्कोव ने यूरोपीय रोबोटिक आर्म से जुड़े लैपटॉप की जांच की और 24 घंटे तक एक सेंसरयुक्त डिवाइस पहना, जो उनके हृदय की गतिविधि और रक्तचाप की निगरानी कर रहा था।