आवाज द वॉयस/ अलीगढ़
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) ने फिर एक बार अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रमाण पेश किया है. विश्वविद्यालय की डेंटल फेकल्टी की छात्रा यशी गुप्ता ने राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रतिष्ठित उपलब्धि हासिल करते हुए विश्वविद्यालय का नाम गौरवान्वित किया है. बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा यशी का शोध प्रस्ताव आईएपीएचडी अनुसंधान अनुदान 2025 के लिए चयनित किया गया है. यह चयन नौ देशभर के उम्मीदवारों में से किया गया, जो इस अनुदान की उच्च प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है.
यशी गुप्ता की शोध परियोजना दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए सुलभ मौखिक स्वास्थ्य शिक्षा उपकरण विकसित करने और शैक्षिक सामग्री को मान्य करने पर केंद्रित है. इस परियोजना का उद्देश्य केवल स्वास्थ्य शिक्षा देना नहीं है, बल्कि दृष्टिबाधित व्यक्तियों में मौखिक स्वास्थ्य साक्षरता बढ़ाकर समाज में समावेशिता और जागरूकता लाना है. इस अनुदान के माध्यम से यशी की परियोजना न केवल शैक्षणिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में वास्तविक बदलाव लाने में भी सक्षम मानी जा रही है.
इस परियोजना का मार्गदर्शन डॉ. ज़ियाउद्दीन अहमद डेंटल कॉलेज के पेरिडोन्टिया एवं सामुदायिक दंत चिकित्सा विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर नेहा अग्रवाल और सह-मार्गदर्शक डॉ. सैयद अमान अली द्वारा किया जा रहा है. प्रो. नेहा अग्रवाल ने बताया कि आईएपीएचडी अनुसंधान अनुदान युवा दंत चिकित्सकों और शोधकर्ताओं को समुदाय-आधारित स्वास्थ्य संवर्धन और साक्ष्य-आधारित सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों में योगदान देने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है. यह मंच छात्रों को न केवल शोध की दिशा में मार्गदर्शन देता है, बल्कि उन्हें समाज के वास्तविक स्वास्थ्य मुद्दों के समाधान में सक्रिय भागीदार भी बनाता है.
डॉ. जियाउद्दीन अहमद डेंटल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर आर. के. तिवारी ने यशी गुप्ता और उनके मार्गदर्शकों को इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर हार्दिक बधाई दी. उन्होंने कहा कि यशी के समर्पण और विद्वतापूर्ण प्रयास ने न केवल विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा बढ़ाई है, बल्कि यह साबित किया है कि युवा प्रतिभा सही दिशा और अवसर मिलने पर सामाजिक परिवर्तन की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है.
यशी गुप्ता का यह कार्य दृष्टिबाधित समुदाय में स्वास्थ्य साक्षरता बढ़ाने के लिए एक मिसाल है. उनके द्वारा विकसित किए जाने वाले सुलभ शैक्षिक उपकरण और सामग्री उन लोगों के लिए ज्ञान का द्वार खोलेंगे, जिन्हें पारंपरिक शिक्षा और सूचना तक पहुंच में कठिनाई होती है. यह परियोजना एएमयू के दंत चिकित्सा विभाग की समाज-केंद्रित दृष्टि और समान अवसरों को बढ़ावा देने के मिशन को भी दर्शाती है.
यशी गुप्ता की सफलता केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह एएमयू के संपूर्ण शैक्षणिक और शोध वातावरण की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मान्यता का भी प्रतीक है. उनका यह योगदान साबित करता है कि नौजवान शोधकर्ता विज्ञान और समाज के बीच सेतु का काम कर सकते हैं, और सही दिशा में प्रयास करने से शिक्षा और समाज दोनों में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है.
इस तरह, यशी गुप्ता ने यह संदेश दिया है कि शिक्षा केवल अकादमिक ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन और समावेशिता लाना भी है. उनके प्रयास आने वाले शोधकर्ताओं और स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगे, और एएमयू की डेंटल फेकल्टी के लिए गर्व का क्षण साबित होंगे.