यूनुस अलवी / मेवात/कामां (राजस्थान)
राजस्थान के ऐतिहासिक कामां क्षेत्र के एक छोटे से गाँव नंगला कुलवाना से निकलकर एक व्यक्तित्व ने आज न केवल मेवात बल्कि पूरे देश का मस्तक गर्व से ऊँचा कर दिया है। विख्यात चिकित्सक और मानवतावादी डॉ. महबूब सदल खान का नाम भारत सरकार के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक, पद्मश्री अवॉर्ड 2026 की नामांकन सूची (Nominee List) में शामिल हुआ है। यह उपलब्धि केवल एक व्यक्ति की सफलता नहीं है, बल्कि उस संकल्प की जीत है जो मेवात की मिट्टी से उठकर वैश्विक मंच पर मानवता की सेवा के लिए समर्पित हुआ है। 'हेल्थ एंड फार्मा' श्रेणी में डॉ. महबूब का नामांकन उनके द्वारा चिकित्सा जगत में किए गए क्रांतिकारी नवाचारों और निस्वार्थ सेवा का प्रतिफल माना जा रहा है।
पद्म पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया की जटिलता और कठोरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस वर्ष पूरे भारत से लगभग 5 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे। इन लाखों आवेदनों की गहन जांच-परख और कड़े मापदंडों के बाद, चयन समिति ने केवल 1,700 विभूतियों को नामांकित किया है, जिनमें डॉ. महबूब सदल खान ने अपनी जगह बनाई है।
अब अंतिम चरण की प्रतीक्षा है, जहाँ देश की मात्र 122 महान हस्तियों को आगामी 26 जनवरी 2026 को राष्ट्रपति के कर-कमलों द्वारा इस प्रतिष्ठित अलंकरण से सम्मानित किया जाएगा। इस मुकाम तक पहुँचना डॉ. महबूब के उन अथक प्रयासों की गवाही है, जिन्होंने आधुनिक चिकित्सा पद्धति को एक मानवीय चेहरा प्रदान किया है।
अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर विनम्रता व्यक्त करते हुए डॉ. महबूब सदल खान ने इसे एक सामूहिक सफलता बताया है। उन्होंने कहा, "यह गौरवपूर्ण क्षण केवल मेरी मेहनत का परिणाम नहीं है, बल्कि इसमें मेरे गुरुओं का मार्गदर्शन, सहकर्मियों का साथ और मेरे मेवात के अपनों की दुआओं का समावेश है। मैं इस अंतिम पड़ाव पर भी सभी के समर्थन और आशीर्वाद की कामना करता हूँ ताकि यह सम्मान हमारे क्षेत्र के हर उस युवा के लिए प्रेरणा बन सके जो बड़े सपने देखने का साहस करता है।"
डॉ. महबूब के कार्यों की गूंज देश की अन्य पद्म-सम्मानित हस्तियों तक भी पहुँची है। हाल ही में उन्होंने विश्व प्रसिद्ध बैडमिंटन स्टार सायना नेहवाल, इंग्लिश चैनल फतह करने वाले दिव्यांग खिलाड़ी सतेंद्र सिंह लोहिया, और कृषि वैज्ञानिक डॉ. बख्शी राम जैसी महान विभूतियों से मुलाकात की। विशेष रूप से सायना नेहवाल ने डॉ. महबूब के चिकित्सा क्षेत्र में किए गए कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं, जो उनके मनोबल को और अधिक सुदृढ़ करता है।
डॉ. महबूब सदल खान की उपलब्धियाँ विज्ञान और सेवा के दो छोरों को जोड़ती हैं। वर्ष 2021 में उन्हें 'अफ्रीकन आइकन अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनके बढ़ते प्रभाव का प्रतीक है। उन्होंने "Medical Travel Guide" नामक एक अत्यंत महत्वपूर्ण पुस्तक लिखी है, जिसे नाइजीरियाई हाई कमीशन और भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा व्यापक सराहना मिली है। यह पुस्तक न केवल चिकित्सा पर्यटन को सुगम बनाती है, बल्कि भारत की छवि को एक 'ग्लोबल हेल्थ हब' के रूप में स्थापित करती है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से डॉ. महबूब का सबसे बड़ा योगदान ईरान की राजधानी तेहरान में विकसित की गई CDP Machine (Cancer Detective Probe) है। यह विश्व की पहली ऐसी तकनीक है जो बिना बायोप्सी के ही शरीर में कैंसर की सटीक पहचान कर सकती है। इस क्रांतिकारी तकनीक के क्लिनिकल ट्रायल को भारत के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा संस्थान AIIMS से अनुमोदन प्राप्त हुआ है, जो इसे कैंसर उपचार की दुनिया में एक 'गेम चेंजर' साबित करता है।
चिकित्सा के साथ-साथ डॉ. महबूब ने भारत और अफ्रीका के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाई है। नाइजीरिया-इंडिया बिजनेस काउंसिल (NIBC) में 'डायरेक्टर (हेल्थ एंड फार्मा)' के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने मेडिकल टूरिज्म के जरिए विदेशी मुद्रा के प्रवाह और कूटनीतिक संबंधों को नई दिशा दी।
वे अफ्रीकी देशों से इलाज के लिए भारत आने वाले गरीब मरीजों के लिए एक मसीहा की तरह हैं, जहाँ वे उन्हें न केवल रियायती बल्कि कई मामलों में पूरी तरह मुफ्त चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराते हैं।
अपने वैश्विक सफर के बावजूद डॉ. महबूब अपनी जड़ों को कभी नहीं भूले। उन्होंने AIIMS और दिल्ली के वेणु आई इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर अपने गृह क्षेत्र मेवात में हजारों की संख्या में मुफ्त नेत्र चिकित्सा शिविर आयोजित किए हैं।
इन शिविरों के माध्यम से कामां और आसपास के क्षेत्रों के हजारों गरीब लोगों की आँखों की रोशनी वापस लौटी है। मेवात जैसे पिछड़े क्षेत्र में इस स्तर की अत्याधुनिक चिकित्सा पहुँच उपलब्ध कराना डॉ. महबूब के सामाजिक सरोकारों की पराकाष्ठा है।
मेवात वासियों के लिए यह नामांकन एक उत्सव जैसा है। स्थानीय लोगों का मानना है कि डॉ. महबूब ने यह साबित कर दिया है कि यदि इरादे फौलादी हों, तो संसाधनों की कमी कभी बाधा नहीं बनती। डॉ. महबूब सदल खान का पद्मश्री 2026 की सूची में होना पूरे राजस्थान के लिए गौरव का विषय है।
यह सम्मान उस समर्पण को समर्पित होगा जिसने विज्ञान की जटिलताओं को सरल बनाकर मानवता के जख्मों पर मरहम लगाने का काम किया है।