मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के उर्दू विभाग के अध्यक्ष और लेखक प्रो. खालिद जावेद जेसीबी अवॉर्ड 2022 से सम्मानित किए गए. उन्हें यह अवार्ड प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार जेसीबी अवार्ड फॉर लिटरेचर की तरफ से उनके मशहूर उपन्यास ‘नेमत खाना’ का अंग्रेजी अनुवाद The Paradise of Food के लिए दिया गया है.
प्रो. खालिद जावेद को 25 लाख रुपये नकद मिले. इस किताब का अनुवाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अंग्रेजी विभाग की प्रो. बारान फ़ारुकी ने की है. उन्हें 10 लाख रुपये नकद मिले. उर्दू के लिए साहित्यकार अवार्ड जीतने पर उर्दू दुनिया उन्हें सलाम पेश कर रही है. सोशल मीडिया पर बधाई का तांता लगा है.
उर्दू के पहले उपन्यास को मिला अवार्ड
उनका यह उपन्यास 2014 में उर्दू भाषा में ‘नेमत खाना’ नाम से प्रकाशित हुआ. यह उर्दू का पहला उपन्यास है जिसे जेसीबी अवार्ड से सम्मानित किया गया है. जिसमें एक मुस्लिम मध्यवर्गीय परिवार की कहानी को रसोई के परिवेश में पेश किया गया है.
मुझे बिलकुल उम्मीद नहीं थी
शनिवार को दिल्ली के ओबेरॉय होटल में पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें विजेता का ऐलान किया गया. अवार्ड जीतने के बाद प्रो. खालिद जावेद ने कहा कि "आज मैं खुशी के एक वास्तविक क्षण का अनुभव कर रहा हूं.
मुझे इसकी बिल्कुल उम्मीद नहीं थी. यह उपन्यास मैंने 2014 में उर्दू में लिखा था. आज इसका सितारा चमक उठा है. मेरे अनुवादक (बारां फ़ारुकी) के कारण, इसे दूसरी भाषा और दुनिया में पहुँचाया गया है. अब इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल गई है.
जेसीबी एक भाषा से बंधा नहीं है
जेसीबी के साहित्य के निदेशक मीता कपूर ने कहा कि ‘पूरे भारत में कहानी कहने की परंपरा का खजाना है. साहित्य के लिए जेसीबी पुरस्कार यह दर्शाता है और किसी एक भाषा से बंधा नहीं है.
अंग्रेजी और अनुवादित कार्यों के बीच एक समान अवसर पैदा करता है . इस से हमें बाधाओं को तोड़ने और उन लोगों के साथ संबंध बनाने में मदद मिली है जिससे हम बात नहीं कर सकते.
‘यह अवार्ड मेरा नहीं उर्दू का है’
देर रात प्रो. खालिद जावेद ने फेसबुक पेज पर तमाम चाहने वालों, उर्दू प्रेमियों का शुक्रिया अदा करते हुए लिखा ‘यह अवार्ड मेरा नहीं उर्दू का है. तमाम उर्दू बिरादरी का है. मुझ को गर्व और खुशी है, तो इस बात की कि मैं उर्दू में लिखता हूं और यह सब उर्दू का फ़ैज़ हैं.
सोशल मीडिया पर बधाई का तांता
जेसीबी अवार्ड फॉर लिटरेचर की तरफ से जैसे ही प्रो. खालिद जावेद के नाम का एलान हुआ, उसके बाद से सोशल मीडिया पर उनके और उर्दू को चाहने वालों द्वारा बधाई का तांता लग गया.
फेसबुक यूजर ओजैर कुरैशी ने लिखा ‘ तमाम उर्दू वालों के लिए फख्र का मक़ाम हैं, बहुत बहुत मुबारक, मोहतरम खालिद जावेद साहब’.वहीं बीकानेर के रहने वाले सूर्य प्रकाश मंदिर ने लिखा कि ‘ख़ालिद साहब को जेसीबी पुरस्कार 2022 बधाई. उनकी इसी पुस्तक का हिन्दी अनुवाद सूर्य प्रकाश मंदिर से जल्द आ रहा है.’
ट्विटर पर चीकी सरकार नामी महिला ने प्रो. खालिद जावेद की तस्वीर शेयर करते हुए लिखी ‘ और भोजन का स्वर्ग जीत गया, खालिद जावेद बधाई, हमें आप पर गर्व हैं. ’