रणजी सत्र के टॉप स्कोरर सरफराज फाइनल के शतक सरताज, कूट रहे रन, टेस्ट टीम में दावेदारी मजबूत

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 23-06-2022
रणजी सत्र के टॉप स्कोरर सरफराज
रणजी सत्र के टॉप स्कोरर सरफराज

 

मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली

आइपीएल सीजन में बीत गया, पर उस धूम में सरफराज खान कहीं नहीं दिखे. फिर रणजी ट्रॉफी के मैच शुरू हुए और उसके साथ ही दक्षिण अफ्रीका के साथ भारत की टी-20 सीरीज शुरू हो गई. इस धूम में रणजी मैचों में फट रहे ज्वालामुखी की ओर किसी का ध्यान नहीं गया.

अब जब सितारों का गुबार थमा है तो सबका ध्यान सरफराज खान नाम के धूमकेतु की तरफ गया है.

रणजी ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला मुंबई और मध्य प्रदेश के बीच बेंगलूरू में एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में चल रहा है. मध्य प्रदेश की गेंदबाजी ने मुंबई की टीम की नाक में दम कर रखा था और तब आए मुंबई के विस्फोटक बल्लेबाज सरफराज खान, जिन्होंने फाइनल में शानदार शतक जड़ दिया है. सरफराज इस सीजन में 900 से ज्यादा रन बना चुके हैं.

सरफराज खान ने अपना शतक ठोंकने में 190गेंद खेले और उसमें 12चौके लगाए. फाइनल के दूसरे दिन खेल शुरु होते ही मध्य प्रदेश के गौरव यादव ने शम्स मुलानी को आउट कर दिया. यह मुंबई का छठा विकेट था. लेकिन सरफराज बेअसर रहे.

सरफराज खान ने रणजी के 2019-2020के सत्र में 6मैचों में 928रन कूटे थे. इस सीजन में भी उन्होंने 6 मैच ही खेले हैं. सरफराज खान के पास एक सीजन में एक हजार रन पूरे करने का मौका भी है. मुंबई की तरफ से श्रेयस अय्यर (1,321रन), वसीफ जाफर (1,260रन), अजिंक्य रहाणे (1,089) और रुसी मोदी (1,008) ही अब तक एक सत्र में हजार से ज्यादा बना सके हैं.

वैसे सरफराज, रणजी ट्रॉफी में दो अलग-अलग सत्रों में 900 से अधिक रन बनाने वाले सिर्फ तीसरे बल्लेबाज हैं. बात अगर मुंबई की हो, तो कारनामा करने वाले वह पहले खिलाड़ी हैं.

रणजी ट्रॉफी के 88 सालों के इतिहास में सबसे पहले अजय शर्मा ने किया था. अजय शर्मा ने 1991-92 के रणजी सीजन में 993 और 1996-7 के सीजन में 1033 रन बनाए थे.

वहीं, मुंबई के रणजी खिलाड़ी वसीफ जाफर ने 2008-09के सत्र में 1260रन बनाए थे.

बहरहाल, 24 साल के सरफराज खान अब तक 24 प्रथम श्रेणी मैच खेल चुके हैं. उनका अब तक का कुल स्कोर 2350 रन है और औसत 84 का है.

रणजी ट्रॉफी में सरफराज ने 8 शतक और 7 अर्धशतक बनाया है. सरफराज अपने शतक को बड़े स्कोर में तब्दील करना जानते हैं. रणजी ट्रॉफी में उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 301 रन का है.

घरेलू क्रिकेट में रन बनाने की अपनी इस प्रभावशाली निरंतरता को जारी रखते हुए सरफराज खान ने एक बार फिर राष्ट्रीय चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा है.सरफराज ने गुरुवार को दूसरी गेंद पर अपने साथी शम्स मुलानी को खोने के बाद जिम्मेदारी संभाली, क्योंकि मुंबई का स्कोर 248/6पर हो गया था.

निचले क्रम के बल्लेबाज के साथ बल्लेबाजी करना कभी आसान नहीं होता लेकिन सरफराज ने परिपक्वता दिखाई और चीजों को नियंत्रण में रखने के लिए समझदारी से मध्य प्रदेश का सामना किया.

उन्होंने 152गेंदों पर अर्धशतक पूरा करने के बाद ही कमाल संभालना शुरू किया था.उन्होंने स्पिनरों के खिलाफ अपने स्वीप शॉट्स का इस्तेमाल किया.

सरफराज को बेशक, नंबर 9बल्लेबाजधवल कुलकर्णी का अच्छा साथ मिला, जिन्होंने 1रन बनाने के लिए 35गेंदों का सहारा लिया. उधर, सरफराज ने तेजी से रन बनाना शुरू किया और सिर्फ अगले 38गेंदों में शतक तक पहुंच गए. उन्होंने 134रनों की पारी खेलकर मुंबई को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया.

सरफराज की पारी 134पर खत्म हुई और वह इसको 150से अधिक के स्कोर में बदलने में विफल रहे. असल में यह इसलिए महत्वपूर्ण था क्योंकि उनके पास प्रारूप में 2020की शुरुआत के बाद से 150से अधिक के छह स्कोर हैं, जो इंग्लैंड के जो रूट के साथ संयुक्त रूप से सबसे अधिक हैं.

उनके पास रूट से आगे निकलने का मौका था. बहरहाल, 2019-20सीजन में नौ पारियों में 928रन बनाने के बाद, मुंबई के बल्लेबाज ने पहले ही आठ पारियों में 133.85की औसत से 937रन बना लिए हैं, जिसमें एक और पारी संभावित रूप से बाकी है.

कुल मिलाकर, कम से कम 2000 प्रथम श्रेणी रन बनाने वाले बल्लेबाजों में, उनका 82.83 का औसत सर डोनाल्ड ब्रैडमैन के बाद दूसरा सर्वश्रेष्ठ है, जिनके नाम 95.14 की औसत से 28,067 रन हैं.

हालांकि, सरफराज घरेलू क्रिकेट में अपने स्ट्रोक और आक्रामक हिटिंग के लिए जाने जाते थे, लेकिन उनका गुस्सा अक्सर उनके आउट होने का कारण बन जाता था. फिटनेस की कमी, अस्वस्थ जीवन शैली और अनुशासनहीनता उनके करियर में बाधाओं के रूप में काम कर रहे थे.

लेकिन, 2019सीजन से पहले उन्होंने आखिरकार खुद को शारीरिक रूप से बदलने का फैसला किया. लंबे प्रशिक्षण और आहार में बदलाव ने उन्हें अपनी फिटनेस में सुधार करने में मदद की और उनकी बल्लेबाजी पर बहुत प्रभाव पड़ा है और दाएं हाथ के बल्लेबाज ने मुंबई के लिए तब से शानदार बल्लेबाजी की है.

गुरुवार को, सत्र का अपना चौथा शतक और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कुल आठवां शतक बनाने के बाद सरफराज ने राष्ट्रीय टीम में मजबूत दावेदारी पेश कर दी है. दिन का खेल समाप्त होने के बाद, राष्ट्रीय चयनकर्ता सुनील जोशी ने मुंबई के बल्लेबाज के साथ लंबी बातचीत भी की.

यह लड़का राष्ट्रीय टेस्ट टीम का दरवाजा खटखटा नहीं रहा है, यह रनों की बरसात करके किसी दिन दरवाजा तोड़ ही देगा.