अलीगढ़
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के यूनानी चिकित्सा संकाय के मुनाफेउल अज़ा विभाग द्वारा एक एक्स्ट्रा-म्यूरल लेक्चर का आयोजन किया गया। यह व्याख्यान डॉ. इश्रत रहमान, एसोसिएट प्रोफेसर, फ़ार्माकोलॉजी, प्रिंसेस नूरा बिंत अब्दुर्रहमान यूनिवर्सिटी, रियाद (सऊदी अरब) द्वारा प्रस्तुत किया गया।
डॉ. रहमान, जिन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ रीडिंग (यूके) से फार्मेसी (मॉलिक्यूलर फ़ार्माकोलॉजी) में पीएचडी की है और वैक्सीन विकास में पोस्ट-डॉक्टोरल शोध कार्य किया है, ने पहले ऑक्सफोर्ड (यूके) में भी फार्माकोलॉजिस्ट के रूप में सेवाएँ दी हैं।
अपने व्याख्यान में उन्होंने फ़ार्माकोलॉजिकल रिसर्च में नवीनतम प्रगतियों पर प्रकाश डाला, विशेषकर टाइप-2 डायबिटीज, मोटापा और कैंसर से संबंधित महत्वपूर्ण जैविक मार्गों पर चर्चा की। उन्होंने अपने चल रहे शोध कार्य के अनुभव साझा करते हुए श्रोताओं को इन गंभीर रोगों से जुड़ी चुनौतियों और शोध की दिशा के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
विभागाध्यक्ष डॉ. फ़ारूक़ अहमद डार ने अतिथि वक्ता का स्वागत करते हुए विभाग की शिक्षण और शोध उपलब्धियों तथा राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोगात्मक कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऐसे एक्स्ट्रा-म्यूरल लेक्चर विद्यार्थियों को वैश्विक शोध प्रवृत्तियों से अवगत कराने और उन्हें जैव-चिकित्सा विज्ञान में नवोन्मेषी शोध की ओर प्रेरित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
इस व्याख्यान में रेज़िडेंट डॉक्टरों, स्नातकोत्तर विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जो इस विषय की व्यापक शैक्षणिक रुचि और अंतःविषय महत्व को दर्शाता है।