कोलकाता
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल संयुक्त प्रवेश परीक्षा (WBJEE) बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह परीक्षा की नई मेधा सूची (Merit List) प्रकाशित करे। अदालत ने पाया कि पहले जारी की गई सूची ओबीसी आरक्षण से संबंधित अदालत के पूर्व आदेश के अनुरूप नहीं है।
न्यायमूर्ति कौशिक चंदा ने अपने आदेश में कहा कि नई सूची में पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा वर्ष 2010 से पहले मान्यता प्राप्त ओबीसी वर्गों के 66 समूहों को सात प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पूरी प्रक्रिया आदेश जारी होने की तिथि से 15 दिनों के भीतर पूरी की जानी चाहिए। साथ ही, WBJEE बोर्ड के रजिस्ट्रार और राज्य उच्च शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी (जो वरिष्ठ विशेष सचिव से नीचे के पद पर न हो) को अगली सुनवाई की तारीख पर अनुपालन रिपोर्ट (हलफनामा) पेश करने का निर्देश दिया गया है।
न्यायमूर्ति चंदा ने यह भी कहा कि WBJEE बोर्ड द्वारा संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2025 के लिए तैयार की गई पिछली मेधा सूची, अदालत के 21 मई 2025 के आदेश का उल्लंघन है।
गौरतलब है कि इस मामले में न्यायालय ने स्वतः संज्ञान (suo motu cognizance) लिया था, जब कुछ परीक्षार्थियों ने ईमेल के माध्यम से बोर्ड की ओर से की गई कथित अनियमितताओं की जानकारी न्यायमूर्ति चंदा को भेजी थी।