शेरशाह फिल्म से प्रेरित सानिया मिर्जा बोलीं फौजी कहीं भी पैदा हो सकता है

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 25-12-2022
शेरशाह फिल्म से प्रेरित हुईं सानिया मिर्जा बोलीं फौजी कहीं भी पैदा हो सकता है
शेरशाह फिल्म से प्रेरित हुईं सानिया मिर्जा बोलीं फौजी कहीं भी पैदा हो सकता है

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली 
 
शेरशाह फिल्म से भी सानिया मिर्जा प्रेरित हुईं और कहा कि फौजी तो कहीं भी पैदा हो सकता है. इस सफलता की कहानी आप तक पहुंचाने के लिए आवाज द वॉयस ने उनसे साक्षात्कार किया. उन्होंने अपने NDA चुनाव के बारे में बताया कि जब यहां कोई दाखिला लेता है तो वह देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत होता है, भावना जाति, धर्म, या लड़का, लड़की देखकर नहीं आती यह बस अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने की हिम्मत और ताकत होती है.

इस क्षेत्र से जुड़ा हर एक व्यक्ति देश की सेवा के लिए हमेशा दृढ़ रहता है. सानिया ने बताया कि डिजिटल माध्यम से उन्हें सफलता प्राप्त हुई और इंटरनेट ने उन्हें पूरा सहयोग दिया बिना किसी इंतजार वो अपनी पढ़ाई में जुट गई और आज उन्हें यह सफलता हासिल हुई. 
 
उन्होंने बताया कि उनकी पढ़ाई के वक्त उन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म की सहायता काफी मिली उन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए अपने हर प्रश्न का हल निकाला उन्होंने बताया कि आज के दौर में हमें स्कूल, टीचर, ट्यूशन इन सब चीजों के साथ-साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म यानी इंटरनेट भी पढ़ाता है सिखाता है जानकारी देता है और हमारे जीवन को सफल बनाने में एक अहम भूमिका निभाता है.
 
यूं तो आज हर क्षेत्र में महिलाएं अपना नाम राशन कर रही हैं फिर चाहे वह टीचर हो, डॉक्टर हो, इंजीनियर हो, मैकेनिक हो, या कोई और लेकिन जब सानिया मिर्जा से यह पूछा गया कि वह एनडीए का एग्जाम क्लियर कर चुकी हैं और अब जल्द ही भारत की पहेली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट बनने जा रही हैं तो उन्होंने इसी विशेष क्षेत्र को क्यों चुना तो जवाब में सानिया मिर्जा ने बुलंद आवाज के साथ कहा कि उन्हें चुनौतियां पसंद है. 
 
और इस क्षेत्र का चुनाव उन्होंने उस वक्त किया जब उन्हें मालूम हुआ कि अवनी चतुर्वेदी (फ़ाइटर एयरक्राफ्ट उड़ाकर अवनि चतुर्वेदी ने कीर्तिमान बनाया है. एयरफोर्स के इतिहास में मिग 21(MiG-21) उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला पायलट बनने का इतिहास उन्हीं के नाम है) के बाद 2015 के बाद से फाइटर पायलट में लड़कियों का एनरोलमेंट नहीं था.
 
 जिसके बाद उन्हें ऐसा लगा कि इस क्षेत्र में महिलाओं को आगे जाना चाहिए कहीं ना कहीं यह एक बड़ा प्रश्न बनता है अगर इतने वर्षों से कोई भी महिला इस क्षेत्र में आगे नहीं आए. तो ऐसे में उन्हें जानकारी प्राप्त हुई की 2021 सितंबर में माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनडीए की परीक्षा में युवतियों की रजिस्ट्रेशन सीमा में बदलाव आया और युवतियों का रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ और फाइटर्स में एनरोलमेंट शुरू हुआ है वहीं इन्वेंटरी में लड़कियां अभी भी पार्टिसिपेट नहीं कर रही हैं.
 
जिसके बाद उन्हें यह काफी चुनौतीपूर्ण लगा और हर चुनौती को पार करना उनकी रूचि है उन्होंने 11 वीं कक्षा में यह निश्चय कर लिया कि वह फाइटर्स में ही जाएंगे और यह दिखा देंगे कि लड़कियां भी देश की सुरक्षा के लिए हर वक्त तैयार हैं और काबिल है.
 
वहीं सानिया मिर्जा ने आज की युवा पीढ़ी को यह संदेश भी दिया कि डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया के इस दौर में वे लोग अपने जीवन को सफल बनाने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करें ना कि जीवन की राह में भटक कर किसी गलत दिशा में जाए.
 
वहीं उन्होंने युवा पीढ़ी को यह भी बताया कि उन्होंने 2022 अप्रैल में अपनी परीक्षा देकर अब तक इतने लंबे वक्त तक अपने परिणाम का इंतजार किया तो जीवन में संयम बहुत जरूरी है जिसका फल हमेशा मीठा होता है.
 
वहीँ सोशल मीडिया पर मिल रही बधाई संदेश के बारे में उन्होंने बताया कि जिस तरीके से आम जनता से लेकर खास सभी उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं उन्होंने सभी से यह प्रार्थना की कि वे सभी भी अपनी बच्चियों को इसी तरह से आगे बढ़ाएं और उन पर रोक तोक ना लगाते हुए उन्हें उड़ान के पंख नवाजे.
 
उन्होंने यह भी कहा कि समाज की रूढ़िवादिता को केवल ज्ञान से ही मिटाया जा सकता है इसीलिए सभी लड़कियों को पढ़ने का पूर्ण अधिकार है. क्योंकि जब एक नारी पढ़ती है तो वह सभी को शिक्षक बनाती है.
 
फ्लाइट लेफ्टिनेंट अवनी चतुर्वेदी सानिया मिर्जा की इंस्पिरेशन बनीं जिसमें उनके माता-पिता ने और उनके भाइयों ने उनका सहयोग किया जिसके बाद आज वह इस कामयाबी के स्तर पर पहुंचे हैं जहां उन्होंने पूरे भारत में अपना नाम रोशन किया है.
 
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अगर कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो फिर इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है. खास तौर पर तब जब ये लक्ष्य आपके साथ-साथ आपके माता-पिता की भी चाहत हो तो हौसले और भी बुलंद हो जाते हैं. कुछ ऐसा ही कमाल किया है,
 
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के छोटे से गांव की रहने वाली सानिया मिर्जा ने एनडीए की परीक्षा में 149 वीं रैंक के साथ फ्लाइंग विंग में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. फ्लाइंग में दो ही सीट है. एनडीए में मात्र 19 पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. सब कुछ ठीक रहा तोएनडीए से पास आउट होकर सानिया देश की पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट बन सकतीं हैं.