आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण को बड़ी संख्या में सामने आए मुस्लिम युवा

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 29-11-2021
आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण को बड़ी संख्या में सामने आए मुस्लिम युवा
आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण को बड़ी संख्या में सामने आए मुस्लिम युवा

 

गुलाम कादिर /भोपाल
 
प्राकृतिक आपदा जैसे- बाढ़, भूकंप या आग की स्थिति में हमें दुर्घटना में फंसे लोगों को बचाने के लिए विशेषज्ञों की जरूरत होती है. यहां के सामाजिक संगठन सोसायटी फार ब्राइट फ्यूचर के तत्वावधान में मौलाना बरकतुल्लाह भोपाली एजुकेशन सोसाइटी के सहयोग से गांधीनगर के  चांदो खीरी में दो दिवसीय आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. 

प्रशिक्षण कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के 7 जिलों के मुस्लिम युवा भाग ले रहे हैं,ताकि उन्हें कौशल से लैस किया जा सके. संकट या आपदा में लोगों की सुरक्षा की सेवा में तैनात किया जा सके.  उल्लेखनीय है कि आपदा प्रबंधन के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के लिए एसडीआरएफ के विशेषज्ञों को लगाया गया है. उनके माध्यम से आपदा रोकथाम के लिए मौखिक एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
 
सोसायटी फॉर ब्राइट फ्यूचर के राष्ट्रीय स्वयंसेवी समन्वयक अमीर जमाल का कहना है कि उनकी संस्था  पिछले 10 वर्षों से आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम कर रही है. हमारा लक्ष्य स्वयंसेवकों का विकास करना है. भारत जैसे विशाल देश में, प्राकृतिक आपदाएं दिन-ब-दिन बढ़ रही हैं.
 
सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए कर्मचारी अपर्याप्त है. ऐसे मामलों में, समाज द्वारा आपदा राहत के लिए स्वयंसेवकों को तैयार करने का निर्णय लिया गया है ताकि देश में कहीं भी किसी भी आपदा की स्थिति में स्वयंसेवक देश के लोगों की सेवा कर सकें.
 
मध्य प्रदेश के भोपाल में भी दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. शुरुआत में मध्य प्रदेश के सात जिलों के युवाओं को  दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है. उन्हें
महत्वपूर्ण आपदा प्रबंधन,प्रशिक्षण दिया जाएगा.
 
दो दिवसीय आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण शिविर में युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए एसडीआरएफ के विशेषज्ञों को लगाया गया है. ट्रेनर सुनील अहरवार का कहना है कि यह समाज द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है. इसका प्रशिक्षण सभी लोगों के लिए होना चाहिए.
 
अगर कहीं दुर्घटना होती है, कोई नदी, तालाब, झरने या बाढ़ में डूब रहा है, उसे सुरक्षित कैसे निकाला जाए. एक प्रशिक्षित व्यक्ति आपदाओं में खुद को बचाकर कई लोगों की जान बचा सकता है. एसडीईआरएफ की टीम दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौखिक व्याख्यान के साथ व्यावहारिक कौशल भी प्रदान कर रही है.
 
ट्रेनिंग के लिए आए मुफ्ती मुहम्मद रफी का कहना है कि हम इस मामले को बहुत हल्के में ले रहे थे, लेकिन जब हम यहां आए तो हमारी आंखें खुल गईं. यह एक महत्वपूर्ण कदम है. हम चाहेंगे कि सरकार हर मोहल्ले में ऐसा कार्यक्रम आयोजित करे और देश के सभी नागरिकों को इस कौशल से लैस किया जाए. मैं तैरना नहीं जानता, लेकिन आज प्रशिक्षण में मुझे बताया गया कि अगर कोई व्यक्ति तैरना नहीं जानता है, तो वह एक डूबते व्यक्ति को कैसे बचा सकता है.
 
वहीं हाफिज मोहम्मद इस्माइल का कहना है कि दुर्घटनाएं बताने से कभी नहीं आती हैं और अगर हम कौशल से लैस हैं तो हम कभी भी कहीं भी मुसीबत में फंसे लोगों की मदद कर सकते हैं. हालांकि, वर्तमान में केवल मध्य प्रदेश के सात जिलों के लोगों को ही समाज द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है. मुसलमानों की बात करें तो यह पहली बार है जब भोपाल में इस तरह का कार्यक्रम आयोजित किया गया है. हालांकि बहुत देर हो चुकी है, पर सही कदम उठाया गया है.