वॉशिंगटन
भारत के अमेरिका में राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने अमेरिकी सांसद जोश गॉथमायर से मुलाकात कर भारत-अमेरिका के बीच संतुलित, न्यायसंगत और पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार संबंधों पर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने ऊर्जा सहयोग से जुड़े ताज़ा विकास, विशेषकर तेल और गैस व्यापार पर चर्चा की।
क्वात्रा ने एक्स पर जानकारी साझा करते हुए कहा, “आज @RepJoshG से बातचीत की सराहना करता हूँ। द्विपक्षीय ऊर्जा सहयोग और तेल-गैस व्यापार से जुड़े ताज़ा अपडेट साझा किए, साथ ही संतुलित और निष्पक्ष व्यापार संबंधों पर चर्चा हुई।”
इससे पहले बुधवार को क्वात्रा ने सीनेट इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष और टेक्सास से सीनेटर जॉन कॉर्निन से मुलाकात की थी। दोनों के बीच विशेष रूप से हाइड्रोकार्बन सहयोग और टेक्सास-भारत व्यापार संबंध पर चर्चा हुई। क्वात्रा ने कॉर्निन के लगातार समर्थन के लिए आभार जताया और परस्पर सम्मान पर आधारित व्यापारिक साझेदारी के महत्व को रेखांकित किया।
इसके अलावा क्वात्रा ने कांग्रेस सदस्य एंडी बार, जो हाउस सबकमेटी ऑन फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस एंड मोनेटरी पॉलिसी के चेयरमैन और इंडिया कॉकस के वाइस को-चेयर भी हैं, से भी बातचीत की।
ये संवाद ऐसे समय हो रहे हैं जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है।
इसी बीच, व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि रूस से रियायती दाम पर कच्चा तेल खरीदकर भारत यूक्रेन युद्ध को और बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा, “भारत इस समय क्रेमलिन के लिए लॉन्ड्रोमैट बन गया है। वे इस कच्चे तेल की असल में ज़रूरत नहीं रखते, बल्कि रिफाइनिंग से मुनाफा कमा रहे हैं। मोदी एक महान नेता हैं, लेकिन भारत को समझना होगा कि उसकी भूमिका शांति स्थापित करने की बजाय युद्ध को लम्बा खींचने में योगदान दे रही है।”
हालांकि, पूर्व अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने अलग राय जताई। उन्होंने कहा कि भारत को “एक महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक साझेदार” के रूप में देखा जाना चाहिए। हेली ने चेतावनी दी कि भारत-अमेरिका संबंधों की 25 वर्षों में बनी गति को नुकसान पहुंचाना “रणनीतिक गलती” होगी। उन्होंने ट्रंप से अपील की कि वे तुरंत प्रधानमंत्री मोदी से सीधी बातचीत करें।
हेली के अनुसार, चीन की एशिया में बढ़ती ताकत का मुकाबला करने में केवल भारत ही संतुलनकारी भूमिका निभा सकता है।
वहीं, प्रसिद्ध अर्थशास्त्री जेफ्री सैक्स ने भारत पर टैरिफ लगाने के अमेरिकी निर्णय की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे “अजीब” और “अमेरिकी विदेश नीति के लिए आत्मघाती कदम” बताया।