आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
व्हाइट हाउस के व्यापार मामलों के सलाहकार पीटर नवारो ने भारत की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि भारत शुल्क के मामले में "महाराज" है और रियायती रूसी कच्चे तेल का उपयोग करके "मुनाफाखोरी योजना" चला रहा है.
नवारो की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस के साथ ऊर्जा संबंधों को लेकर अमेरिकी अधिकारियों द्वारा भारत की आलोचना किए जाने का जवाब देते हुए कहा है कि अमेरिका ने स्वयं नयी दिल्ली से रूसी तेल खरीदकर वैश्विक ऊर्जा बाजारों को स्थिर करने में मदद करने को कहा है.
व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार ने यह भी कहा कि भारत चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ “घनिष्ठता बढ़ा रहा है.
अमेरिका में भारतीय वस्तुओं पर शुल्क दोगुना करके 50 प्रतिशत किए जाने के बाद भारत और अमेरिका के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं. इस 50 प्रतिशत शुल्क में रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए लगाया गया 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है.
नवारो ने अमेरिका में संवाददाताओं से कहा, “फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण से पहले, भारत वस्तुतः रूस से बहुत कम तेल खरीदता था... अपनी जरूरत का लगभग एक प्रतिशत। अब यह बढ़कर 35 प्रतिशत हो गया है.
इससे तीन दिन पहले उन्होंने फाइनेंशियल टाइम्स में एक लेख लिखकर रूस से कच्चे तेल की खरीद के लिए भारत की आलोचना की थी.
नवारो ने कहा कि इस तर्क का कोई मतलब नहीं है कि भारत को अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रूसी तेल की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि वे रूस से रियायती दरों पर तेल खरीदकर परिष्कृत बनाते हैं, जिसे वे यूरोप, अफ्रीका और एशिया में प्रीमियम कीमतों पर बेचते हैं.