Comprehensive review of India-Russia relations: Jaishankar's Moscow visit deepens bilateral ties
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की 19 से 21 अगस्त तक रूस यात्रा ने दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को नई गति दी है. इस दौरान उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उप-प्रधानमंत्री डेनिस मांतुरोव और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। चर्चाओं में आतंकवाद, यूक्रेन संकट, पश्चिम एशिया और अफगानिस्तान जैसे क्षेत्रीय मुद्दों के साथ-साथ व्यापार और ऊर्जा सहयोग जैसे अहम विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआ.
व्यापार और आर्थिक सहयोग पर फोकस
जयशंकर और डेनिस मांतुरोव ने भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (IRIGC-TEC) के 26वें सत्र की सह-अध्यक्षता की. बैठक में दोनों पक्षों ने वर्ष 2030 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य को हासिल करने पर जोर दिया। इसके लिए व्यापार में मौजूद अड़चनों को दूर करने, भुगतान तंत्र को सुचारु बनाने, लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी को बढ़ाने तथा भारत-यूरेशियन आर्थिक संघ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को जल्द अंतिम रूप देने पर सहमति बनी.
ऊर्जा क्षेत्र को सहयोग का मुख्य आधार मानते हुए, दोनों पक्षों ने तेल और गैस व्यापार एवं निवेश को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता दोहराई. साथ ही, आईटी, निर्माण और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में भारतीय कुशल कार्यबल की आवाजाही के मुद्दे को भी प्रमुखता दी गई.
व्यवसाय जगत से जुड़ाव
इस यात्रा के दौरान आयोजित भारत-रूस बिजनेस फोरम में सरकारी प्रतिनिधियों के अलावा उद्योग और व्यापार से जुड़े अनेक पक्षों ने भाग लिया। फोरम में यह तय किया गया कि बिजनेस फोरम और आयोग की विभिन्न कार्यकारी समितियों के बीच समन्वय तंत्र स्थापित किया जाएगा ताकि व्यावसायिक सहयोग को गति दी जा सके.
राजनीतिक और रणनीतिक चर्चाएं
जयशंकर और लावरोव के बीच वार्ता में रक्षा और सैन्य-तकनीकी सहयोग, नए भारतीय वाणिज्य दूतावासों का उद्घाटन (कज़ान और येकातेरिनबर्ग में), तथा बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग जैसे विषय शामिल रहे। दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार की आवश्यकता पर बल दिया और G20, ब्रिक्स (BRICS) तथा शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में मिलकर कार्य करने की प्रतिबद्धता दोहराई.