कीव
रूस-यूक्रेन युद्ध में तनाव और तेज़ हो गया है। यूक्रेन की सेना ने रूस की धरती के भीतर सिलसिलेवार हमलों में एक तेल टर्मिनल, पाइपलाइन, दो खड़े जेट लड़ाकू विमानों और दो जहाजों को निशाना बनाया है। अधिकारियों ने सोमवार को इसकी पुष्टि की।
यूक्रेनी सैन्य अधिकारियों के अनुसार, ये हमले रूस की युद्ध क्षमता को कमजोर करने और अग्रिम मोर्चे से दूर स्थित इलाकों में असुरक्षा का माहौल पैदा करने के लिए चलाए जा रहे व्यापक अभियान का हिस्सा हैं। लगभग चार साल से जारी युद्ध में संख्या और संसाधनों में कमजोर यूक्रेनी सेना, रूस की कहीं बड़ी सैन्य ताकत को रोकने की कोशिश कर रही है।
इन हमलों का एक उद्देश्य व्लादिमीर पुतिन की उस रणनीति को भी झटका देना है, जिसके तहत वह रूस को अमेरिकी नेतृत्व वाले शांति प्रयासों में सैन्य रूप से मज़बूत स्थिति से बातचीत करने वाले देश के रूप में पेश करना चाहते हैं। हालांकि अब तक इन कूटनीतिक कोशिशों में किसी ठोस नतीजे के संकेत नहीं मिले हैं।
सोमवार को मॉस्को में हुए कार बम विस्फोट में एक शीर्ष रूसी जनरल की मौत ने हालात को और गंभीर बना दिया। जांच एजेंसियों को इस हमले के पीछे यूक्रेन की भूमिका होने का संदेह है। यह घटना कीव द्वारा अप्रत्याशित और हाई-प्रोफाइल लक्ष्यों को चुनने की रणनीति का संकेत मानी जा रही है।
यूक्रेन के जनरल स्टाफ ने एक बयान में कहा कि रूसी क्षेत्र और रूस के कब्जे वाले यूक्रेनी इलाकों में स्थित तमननेफ्तेगाज तेल टर्मिनल, एक आयुध डिपो और ड्रोन लॉन्च साइट पर हमला किया गया। बयान के मुताबिक, दक्षिणी क्रास्नोडार क्षेत्र में एक पाइपलाइन, दो डॉक और दो जहाज क्षतिग्रस्त हुए, जहां भीषण आग लग गई। हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया कि इन हमलों में किन हथियारों का इस्तेमाल हुआ।
यूक्रेनी सैन्य खुफिया एजेंसी के अनुसार, रविवार शाम पश्चिमी रूस के लिपेत्स्क के पास स्थित एक सैन्य अड्डे पर किए गए ऑपरेशन में दो रूसी जेट लड़ाकू विमानों को आग के हवाले कर दिया गया।वहीं, रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि उसने रात के दौरान 41 यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराया। दोनों देशों के बयानों से साफ है कि युद्ध अब सिर्फ सीमावर्ती मोर्चों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि रणनीतिक और आर्थिक ठिकानों तक फैल चुका है।