वॉशिंगटन डीसी
डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी नौसेना के लिए एक नई और महत्वाकांक्षी योजना का ऐलान करते हुए ‘ट्रंप क्लास’ नामक युद्धपोतों को अमेरिकी नौसेना की प्रस्तावित ‘गोल्डन फ्लीट’ में शामिल करने की घोषणा की है। ट्रंप ने इन्हें दुनिया के “अब तक के सबसे बड़े और सबसे ताकतवर” युद्धपोत बताते हुए कहा कि अमेरिका 20 से 25 ऐसे जहाज बनाएगा।
सोमवार (स्थानीय समय) को दिए बयान में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को नए जहाजों की सख्त जरूरत है क्योंकि मौजूदा बेड़े के कई पोत पुराने, थके हुए और अप्रचलित हो चुके हैं। “कमांडर-इन-चीफ के तौर पर मैंने नौसेना को अब तक के सबसे बड़े युद्धपोतों के निर्माण की मंजूरी दी है। ये जहाज शक्ति और क्षमता में मौजूदा युद्धपोतों से 100 गुना अधिक होंगे,” उन्होंने कहा।
ट्रंप के मुताबिक, इन युद्धपोतों का वजन 30,000 से 40,000 टन के बीच होगा और इन्हें सबसे “घातक” सतही युद्धपोतों के रूप में विकसित किया जाएगा। इनमें मिसाइलों के साथ-साथ तोपें, उन्नत लेज़र सिस्टम और परमाणु हथियारों को ले जाने की क्षमता होगी। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने 1994 के बाद कोई नया युद्धपोत नहीं बनाया, जबकि द्वितीय विश्व युद्ध के दौर में बड़े पैमाने पर जहाजों का निर्माण होता था।
राष्ट्रपति ने बताया कि शुरुआत में दो जहाजों का निर्माण किया जाएगा और बाद में यह संख्या 20 से 25 तक पहुंच सकती है। “ये इतिहास के सबसे बड़े युद्धपोत होंगे। इनमें कई तरह की मिसाइलें होंगी, लेकिन तोपों की अहमियत भी बनी रहेगी, क्योंकि कई हालात में वे कम लागत पर प्रभावी साबित होती हैं,” ट्रंप ने कहा।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि ये नए युद्धपोत अमेरिकी नौसैनिक बेड़े के फ्लैगशिप होंगे। “हमारे पास बेहतरीन नेवी यार्ड्स हैं और उनके संचालन से जुड़ी कंपनियों से बातचीत चल रही है। इन जहाजों में दुनिया की सबसे उन्नत लेज़र तकनीक होगी, ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से नियंत्रित होंगे और क्रूज़ मिसाइलों सहित परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम होंगे,” ट्रंप ने कहा।
यह घोषणा ऐसे समय आई है, जब अमेरिका ने हाल ही में वेनेज़ुएला के तट के पास दो तेल टैंकर जब्त किए और कथित ‘डार्क फ्लीट’ से जुड़े एक जहाज का पीछा किया। इन घटनाओं के बीच ट्रंप का यह एलान अमेरिकी नौसैनिक ताकत को वैश्विक स्तर पर और सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है।