राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला: अमेरिका ने पांच ऑफशोर विंड परियोजनाओं के लीज़ पर अस्थायी रोक लगाई

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 23-12-2025
Citing national security concerns: the US has placed a temporary hold on leases for five offshore wind projects.
Citing national security concerns: the US has placed a temporary hold on leases for five offshore wind projects.

 

वॉशिंगटन डीसी

अमेरिकी आंतरिक मंत्रालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिमों का हवाला देते हुए निर्माणाधीन पांच बड़े ऑफशोर विंड (समुद्री पवन ऊर्जा) प्रोजेक्ट्स के लीज़ पर अस्थायी रोक लगाने की घोषणा की है। मंत्रालय के अनुसार, युद्ध विभाग की हाल ही में पूरी हुई गोपनीय रिपोर्टों में इन परियोजनाओं से जुड़े संभावित सुरक्षा जोखिम चिन्हित किए गए हैं।

मंत्रालय ने कहा कि इस “पॉज़” का उद्देश्य संबंधित एजेंसियों, लीज़धारकों और राज्य सरकारों के साथ मिलकर इन जोखिमों को कम करने की संभावनाओं का आकलन करना है। आंतरिक मंत्री डग बर्गम ने कहा, “अमेरिकी सरकार का पहला कर्तव्य अपने नागरिकों की सुरक्षा है। यह कदम उभरते राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिमों—खासकर पूर्वी तट के घनी आबादी वाले इलाकों के पास स्थित बड़े ऑफशोर विंड प्रोजेक्ट्स से पैदा होने वाली कमजोरियों—को संबोधित करता है।”

जिन परियोजनाओं के लीज़ रोके गए हैं, उनमें Vineyard Wind 1, Revolution Wind, CVOW–Commercial, Sunrise Wind और Empire Wind 1 शामिल हैं। मंत्रालय के मुताबिक, बड़े टरबाइन ब्लेड्स की गति और अत्यधिक परावर्तक टावर रडार में ‘क्लटर’ पैदा करते हैं, जिससे वास्तविक लक्ष्यों की पहचान बाधित होती है और झूठे लक्ष्य बन सकते हैं। ऊर्जा विभाग की 2024 की रिपोर्ट में भी कहा गया था कि क्लटर घटाने के लिए रडार की थ्रेशहोल्ड बढ़ाने से वास्तविक लक्ष्यों के छूट जाने का खतरा रहता है।

सोशल मीडिया पर इस फैसले का बचाव करते हुए बर्गम ने ऑफशोर विंड को “महंगा, अविश्वसनीय और सब्सिडी-निर्भर” बताया। उन्होंने दावा किया कि रोकी गई पांच परियोजनाओं से मिलने वाली बिजली की कीमतें पूर्वी तट की पहले से ऊंची ग्रिड कीमतों से औसतन 75% अधिक हैं, जबकि प्राकृतिक गैस की तुलना में ऑफशोर विंड न्यू इंग्लैंड में लगभग 12 गुना महंगी पड़ती है।

उल्लेखनीय है कि डोनाल्ड ट्रंप ने सितंबर 2025 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में जलवायु विज्ञान की कड़ी आलोचना करते हुए नवीकरणीय ऊर्जा पर बढ़ती निर्भरता पर सवाल उठाए थे। इस पृष्ठभूमि में लिया गया यह कदम अमेरिका की ऊर्जा और सुरक्षा नीति में प्राथमिकताओं के बदलाव का संकेत माना जा रहा है।