ढाका
बांग्लादेश में ‘जुलाई विद्रोह’ के दौरान उभरे प्रमुख मंच इंक़िलाब मंचो ने अपने संयोजक शरीफ़ उस्मान हादी की हत्या को लेकर अंतरिम सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है। संगठन ने कहा है कि यदि हादी की हत्या में दोषियों को सज़ा नहीं मिली, तो वह मौजूदा अंतरिम सरकार को हटाने के लिए जनआंदोलन शुरू करेगा। यह जानकारी बांग्लादेशी अख़बार डेली स्टार के हवाले से सामने आई है।
इंक़िलाब मंचो के सदस्य सचिव अब्दुल्ला अल जाबेर ने सोमवार को ढाका के शहीद हादी चत्तर पर आयोजित एक आपात प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह चेतावनी दी। उन्होंने आरोप लगाया कि हादी की अंतिम नमाज़-ए-जनाज़ा के बाद संगठन द्वारा दिया गया 24 घंटे का अल्टीमेटम समाप्त हो चुका है, लेकिन अब तक न तो गृह सलाहकार और न ही संबंधित एजेंसियों ने आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर कोई ठोस कदम उठाया है।
जाबेर ने दावा किया कि गृह मंत्रालय की ब्रीफिंग में गृह सलाहकार या उनके विशेष सहायक की अनुपस्थिति इस मामले को लेकर सरकार की “गंभीरता की कमी” को दर्शाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि गृह और कानून सलाहकार सहित जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं और जवाबदेही से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
इंक़िलाब मंचो ने अंतरिम सरकार के सामने कई मांगें रखीं। संगठन ने हादी हत्याकांड की सुनवाई के लिए तत्काल एक स्पीडी ट्रायल ट्रिब्यूनल के गठन की मांग की। साथ ही, जांच में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों—जैसे एफबीआई या स्कॉटलैंड यार्ड—से मदद लेने का सुझाव भी दिया गया।
जाबेर ने बांग्लादेश की खुफिया एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जनता के पैसे से चलने वाली एजेंसियां अब तक हत्यारों की पहचान करने में विफल रही हैं। उन्होंने सिविल और सैन्य खुफिया ढांचे में कथित “आवामी सहयोगियों” की पहचान और गिरफ्तारी की मांग की।
अंतरिम सरकार को सख़्त चेतावनी देते हुए जाबेर ने कहा कि आगामी चुनाव से पहले न्याय सुनिश्चित करना होगा, अन्यथा हालात बेकाबू हो सकते हैं। उन्होंने घोषणा की कि इंक़िलाब मंचो एक विरोध मार्च निकालेगा, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी—जिसमें अंतरिम सरकार को समर्थन जारी रखने या उसे गिराने के आंदोलन की घोषणा शामिल हो सकती है।
गौरतलब है कि शरीफ़ उस्मान हादी को 12 दिसंबर को ढाका के बिजयनगर इलाके में रिक्शा से जाते समय नज़दीक से गोली मारी गई थी। 15 दिसंबर को उन्हें एयर एंबुलेंस से सिंगापुर ले जाया गया, लेकिन 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई। हादी पिछले साल के ‘जुलाई विद्रोह’ के प्रमुख चेहरों में थे, जिसने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के पतन में अहम भूमिका निभाई थी। उनकी मौत के बाद ढाका में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, जबकि अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने 20 दिसंबर को राष्ट्रीय शोक दिवस की घोषणा की थी।






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