यूएई का भारत को बेजोड़ तोहफा, दुबई के शाह ने किया ‘हिंद सिटी’ का ऐलान

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 31-01-2023
दुबई के शाह ने किया ‘हिंद सिटी’को ऐलान
दुबई के शाह ने किया ‘हिंद सिटी’को ऐलान

 

राकेश चौरासिया / नई दिल्ली

दुबई सरकार की मीडिया कार्यालय द्वारा ऐलान किया गया है कि दुबई के शाह मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने अपनी पत्नी शेखा हिंद बिन्त मकतूम बिन जुमा के नाम पर एक इलाके अल मिन्हाद का नाम बदलकर ‘हिंद सिटी’ कर दिया है. यह शहर 84 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है. इस घोषणा को अरब दुनिया से भारत का प्रगाढ़ होते रिश्तों और बढ़ते प्रभाव के तौर पर संर्दिर्भत किया जा रहा है.

दइंटरनेशनलन्यूज के रक्षा पत्रकार साहिल ने इस ऐलान के बारे में कहा, ‘‘दुबई के शासक, मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने शहर के अल मिन्हाद क्षेत्र का नाम बदलकर ‘हिंद सिटी’कर दिया है. उन्होंने अपनी पत्नी शेखा हिंद बिन्त मकतूम बिन जुमा के नाम पर इस जगह का नाम बदल दिया है. हिंद एक आम अरबी महिला नाम है.’’

अरब जगत और हिंदुस्तान के संबंध सदियों पुराने हैं, जो व्यापार, संस्कृति और समाज के स्तर पर गुंथे हुए हैं. यहीं कारण है कि अरब की मुस्लिम महिलाओं के नाम बहुसंख्या में हिंद, अल हिंद, अल हिंदी रखने की परंपरा है. दुबई के शाह की पत्नी शेखा हिंद बिन्त मकतूम बिन जुमा के नाम में भी हिंद लफ्ज इसी रिवाज की मिसाल है.

अलीगढ़ के शरिया विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद आमिर समदानी का अरब जगत में हिंद लफ्ज के बारे में कहना है, ‘‘यह प्राचीन अरबों से संबंधित है और भारत की प्राचीन सभ्यता से निकटता से संबंधित है. इसके अलावा अरब सभ्यता में शक्ति और तलवार, प्रभाव के कई अर्थ हैं, क्योंकि इसका अर्थ सौ ऊंट या ऊंट भी है.

हम पाते हैं कि हिंद नाम अरबों में व्यापक रूप से फैले नामों में से एक है. हिंद का नाम प्राचीन काल से जाना जाता था और यह स्पष्ट है कि अबू सुफियान की पत्नी का नाम हिंद बिन्त उतबा था और इस नाम का उल्लेख पूर्व-इस्लामिक साहित्यिक युग में, उमय्यद युग में और में कविता के कई स्थानों पर किया गया था. अब्बासिद युग और हिंद के नाम से वर्णित सबसे महत्वपूर्ण कविताओं में बशर बिन बर्द की कविता भी है.’’

 

डॉ. मोहम्मद आमिर समदानी के मुताबिक, ‘‘हिंद नाम की कई अन्य प्रसिद्ध हस्तियां हैं, जिन्होंने खुद को योग्य साबित किया है और उनकी प्रतिभा जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रकट हुई है और सबसे प्रमुख शख्सियतों में से एक मिस्र की अभिनेत्री, जिन्हें यह नाम हिंद रुस्तम कहा जाता था और उन्होंने बहुत फिल्में बनाईं. हिंद बिन्त अल-हस और वह अल-हस बिन हबीस बिन कुरत अल-अयदा की बेटी हैं और पूर्व-इस्लामिक विषय में वाक्पटु हैं, जैसा कि अल-जाहिज ने कहा, इसे चतुर लोगों के रूप में वर्णित किया गया है. हिंद नाम पुराने अरबी नामों में से एक है और यह उन नामों में से एक है, जो आज व्यापक रूप से फैले हुए हैं और इसके कई अद्भुत अर्थ हैं. नाम से ही सिद्ध होता है कि अरबों को प्राचीन काल से ही भारत और उसकी सभ्यता से प्रेम था.’’

 

अमीरात की समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएम ने बताया कि दुबई के शाह शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने अल मिन्हाद जिले और इसके आसपास के क्षेत्रों का नाम बदलकर ‘हिंद शहर’ कर दिया. शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री होने के साथ-साथ दुबई के शासक भी हैं.

वह संयुक्त अरब अमीरात के पूर्व उपराष्ट्रपति और दुबई के शासक शेख राशिद बिन सईद अल मकतूम के तीसरे बेटे हैं. 2006 में अपने भाई मकतूम की मृत्यु के बाद, मोहम्मद ने उपराष्ट्रपति और शासक के रूप में पदभार संभाला. अल मकतूम को ‘दुनिया के सबसे प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर्स में से एक’के रूप में वर्णित किया जाता है.

 

‘हिंद सिटी’ शहर को चार क्षेत्रों में बांटा गया है और इसमें संयुक्त अरब अमीरात के निवासियों के लिए घर हैं. डब्ल्यूएएम ने बताया, ‘‘शहर में हिंद 1, हिंद 2, हिंद 3 और हिंद 4 नाम से चार क्षेत्र शामिल हैं और यह 83.9 किमी के क्षेत्र में फैला है. शहर अमीरात रोड, दुबई-अल ऐन रोड और जेबेल अली-लेहबाब रोड जैसे प्रमुख सड़कों से जुड़ा हुआ है.

 

विशेष रूप से, यह पहली बार नहीं है, जब दुबई में किसी चीज का नाम बदला गया है. इससे पहले 2010 में, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान के बाद बुर्ज दुबई का नाम बदलकर बुर्ज खलीफा कर दिया गया था. उनका 13 मई, 2022 को उनका निधन हो गया था.

 

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बुर्ज खलीफा 


 

यूएई ने इस नामकरण से भारत के प्रति अपने प्रेम को भी दर्शाया है. यहां के बुर्ज खरीफा अक्सर भारत के त्योहारों, राष्ट्रीय पर्वों और राष्ट्रीय हर्ष के घटनाक्रमों पर लेजर चित्रांकन करके भारत के लिए जज्बे को दर्शाया जाता है. दुबई में एक-दो नहीं, बल्कि हर साल सैकड़ों ऐसे कार्यक्रम होते हैं, जिनमें भारतीय कला और संस्कृति का प्रदर्शन होता है. इस घटनाक्रम में सोशल मीडिया पर उत्साहजनक प्रतिक्रियाएं देखी जा रही हैंः

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

भारतीय प्रवासी समुदाय संयुक्त अरब अमीरात में सबसे बड़ा जातीय समुदाय है, जो देश की आबादी का लगभग 30 प्रतिशत है. संयुक्त अरब अमीरात के रिकॉर्ड के अनुसार 2021 में निवासी भारतीय नागरिकों की संख्या 35 लाख होने का अनुमान है. लगभग. प्रवासी भारतीयों का 20 प्रतिशत अबू धाबी के अमीरात में है और बाकी दुबई सहित 6 उत्तरी अमीरात में हैं. हालांकि यहां रहने वाले अधिकांश भारतीय कार्यरत हैं.

 

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संयुक्त अरब अमीरात और भारत के विभिन्न अमीरात के बीच व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों के कारण संयुक्त अरब अमीरात के साथ भारतीय संपर्क कई सदियों पहले से है. यह विशिष्ट रूप से नियोजित श्रमिकों की श्रेणियों के संदर्भ में संख्या और गहराई के मामले में एक चौड़ाई प्रदान करता है, जो इसे संयुक्त अरब अमीरात में हर दूसरे प्रवासी समुदाय से अलग करता है.

 

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अल मिन्हाद  


 

यूएई की उभरती जरूरतों के साथ समुदाय का प्रोफाइल बदल गया है. 1970 और 1980 के दशक में, जब यहां मुख्य आवश्यकता ब्लू कॉलर श्रमिकों के लिए थी, तो भारतीय समुदाय का 85-90 प्रतिशत तक ब्लू कॉलर था, पेशेवरों के नगण्य प्रतिशत के साथ. 1990 के दशक में, जब सेवा क्षेत्र के विस्तार की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पेशेवरों की आवश्यकता उभरी, तो समुदाय की रूपरेखा बदल गई और आज लगभग 35 प्रतिशत भारतीय समुदाय योग्य कर्मियों, व्यापारियों और अन्य व्हाइट कॉलर पेशेवर के तौर पर कार्य कर रहा है.

 

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अल मिन्हाद एयरबेस


 

इसमें कोई संदेह नहीं कि अल मकतूम का ‘हिंद सिटी’के तौर पर नामकरण किए जाने से यूएई और भारत के संबंधों को नई ऊंचाईयां मिलेंगी.