नई दिल्ली
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के बीच बृहस्पतिवार को टेलीफोन पर बातचीत हुई। इस दौरान भारत ने अफगानिस्तान की ओर से भारत-अफगान संबंधों में अविश्वास फैलाने के प्रयासों को खारिज किए जाने का स्वागत किया।
जयशंकर ने इस बातचीत को “सार्थक” बताते हुए कहा कि
“पिछले दिनों झूठी और निराधार रिपोर्टों के ज़रिए भारत और अफगानिस्तान के रिश्तों में दरार डालने की जो कोशिशें हुईं, उन्हें मुत्तकी द्वारा स्पष्ट रूप से नकारा जाना एक सकारात्मक संकेत है।”
जयशंकर का इशारा पाकिस्तानी मीडिया की उन खबरों की ओर था, जिनमें यह दावा किया गया था कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के लिए तालिबान को भाड़े पर लेकर ‘फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन’ अंजाम दिया।
(फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन वह कार्रवाई होती है जिसमें किसी हमले या अभियान को इस तरह अंजाम दिया जाता है कि असली कर्ता की पहचान छिपी रह जाए।)
विदेश मंत्री ने मुत्तकी द्वारा पहलगाम हमले की निंदा किए जाने की भी प्रशंसा की और कहा कि
“अफगान जनता के साथ भारत की पारंपरिक मित्रता और विकास में योगदान की भावना को हमने फिर दोहराया। साथ ही, भविष्य में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के उपायों पर चर्चा हुई।”
भारत अभी तक तालिबान शासन को औपचारिक मान्यता नहीं देता है और काबुल में समावेशी सरकार की स्थापना पर जोर देता रहा है। साथ ही, भारत बार-बार यह स्पष्ट कर चुका है कि अफगान धरती का इस्तेमाल किसी भी अन्य देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिए।
इस बातचीत पर अफगान विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय रिश्ते, व्यापार और राजनयिक भागीदारी को लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया और भविष्य में सहयोग के रास्ते तलाशने पर सहमति जताई।