नीरज चोपड़ा ने दोहा डायमंड लीग में रचा इतिहास, 90 मीटर भाला फेंकने वाले पहले भारतीय

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 17-05-2025
Neeraj Chopra created history in Doha Diamond League, became the first Indian athlete to throw 90 meters javelin
Neeraj Chopra created history in Doha Diamond League, became the first Indian athlete to throw 90 meters javelin

 

आवाज द वाॅयस / दोहा (कतर)

भारत के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और विश्व चैंपियन जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने शुक्रवार की शाम दोहा डायमंड लीग में इतिहास रच दिया. नीरज ने भाला फेंक में 90 मीटर की दूरी पार कर यह कारनामा करने वाले भारत के पहले एथलीट बन गए हैं. हालांकि इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के बावजूद वह प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहे. जर्मनी के जूलियन वेबर ने अंतिम राउंड में नीरज को पीछे छोड़ दिया.

नीरज ने प्रतियोगिता की शानदार शुरुआत करते हुए अपने सीज़न का पहला थ्रो 88.44 मीटर फेंका, जिससे उन्होंने तुरंत बढ़त बना ली. इस दौरान ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स 85.64 मीटर के थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहे, जबकि त्रिनिदाद और टोबैगो के केशोर्न वॉलकॉट 84.65 मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहे.

नीरज का दूसरा थ्रो फाउल रहा, लेकिन वह अब भी अंक तालिका में सबसे ऊपर बने रहे. इस बीच जर्मनी के जूलियन वेबर ने 85.57 मीटर का थ्रो कर तीसरे स्थान पर खुद को मजबूत किया.

इसके बाद तीसरे प्रयास में नीरज चोपड़ा ने भाला 90.23 मीटर दूर फेंक कर सबको चौंका दिया. यह थ्रो ना केवल प्रतियोगिता में उनकी बढ़त को मजबूत कर गया, बल्कि उन्होंने अपने ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड (89.94 मीटर) को भी पीछे छोड़ दिया, जो उन्होंने 2022 स्टॉकहोम डायमंड लीग में बनाया था.

नीरज का चौथा थ्रो 80.56 मीटर का रहा, जबकि पाँचवाँ थ्रो फाउल हो गया. इसके बावजूद वह तब तक शीर्ष पर बने हुए थे. वेबर और पीटर्स उनका पीछा नहीं कर पा रहे थे. इस समय तक जूलियन वेबर 89.06 मीटर तक पहुँच चुके थे, लेकिन नीरज अभी भी उनसे आगे थे.

लेकिन प्रतियोगिता के अंतिम राउंड में नाटकीय मोड़ आया। जूलियन वेबर ने अपने आखिरी थ्रो में 91.06 मीटर की दूरी तय कर दी और नीरज को दूसरे स्थान पर धकेल दिया. नीरज ने भी अंतिम प्रयास किया, लेकिन उनका थ्रो 88.20 मीटर तक ही पहुंच सका. उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा.

तीसरे स्थान पर ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स रहे, जिनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 85.64 मीटर रहा.नीरज चोपड़ा के इस प्रदर्शन के कई मायने हैं:उन्होंने 90 मीटर की दूरी पार कर भारतीय एथलेटिक्स में नया अध्याय जोड़ा.उन्होंने अपने ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड को बेहतर किया.उन्होंने अपने सीज़न की शुरुआत प्रभावशाली अंदाज़ में की.

हालांकि स्वर्ण पदक उनसे फिसल गया, लेकिन उनके इस प्रदर्शन ने यह संकेत जरूर दे दिया कि वह इस साल होने वाली आगामी विश्व प्रतियोगिताओं में भारत के सबसे बड़े पदक दावेदार बने रहेंगे.

नीरज चोपड़ा का यह रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन भारत के लिए न सिर्फ गर्व की बात है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के एथलीटों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है. अब सभी की नजरें उनके आगामी आयोजनों पर हैं, जहां वे इस फ़ॉर्म को बरकरार रखते हुए एक बार फिर इतिहास रच सकते हैं.