Turkey's cooperation in Bangladesh's defense sector, agreement on joint development of military technology and equipment
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
बांग्लादेश की रक्षा क्षमता को सशक्त करने के उद्देश्य से तुर्किये अब रक्षा उद्योग के विकास में सहयोग करेगा. मंगलवार को तुर्किये के रक्षा उद्योग सचिव प्रो. हलुक गोरगुन ने ढाका स्थित सेना मुख्यालय में बांग्लादेश के सेनाध्यक्ष से शिष्टाचार मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच मौजूदा रक्षा सहयोग को और मज़बूत बनाने पर चर्चा हुई.
बैठक के बाद बांग्लादेश सेना की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि तुर्किये के सचिव ने बांग्लादेश में रक्षा क्षेत्र के विकास के लिए विस्तृत सहयोग और तकनीकी समर्थन का आश्वासन दिया है. वहीं बांग्लादेश के सेनाध्यक्ष ने देश में अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों के निर्माण और रक्षा तकनीकों के विकास में तुर्किये के साथ मिलकर काम करने की इच्छा ज़ाहिर की.
हलुक गोरगुन नियमित तुर्की एयरलाइंस की फ्लाइट से मंगलवार सुबह ढाका पहुंचे. यह दौरा उस उच्चस्तरीय सैन्य प्रतिनिधिमंडल के परिप्रेक्ष्य में हुआ है जो हाल ही में बांग्लादेश से तुर्किये गया था। अधिकारियों के अनुसार, इस यात्रा के दौरान दोनों पक्षों के बीच तकनीकी स्थानांतरण, संयुक्त उत्पादन और रक्षा अनुसंधान से जुड़े अहम बिंदुओं पर बातचीत की जाएगी.
इससे पहले, बांग्लादेश निवेश विकास प्राधिकरण (BIDA) के अध्यक्ष असीक चौधरी ने तुर्किये दौरे के दौरान एक सैन्य फैक्ट्री का निरीक्षण किया था। यह दौरा भी दोनों देशों के बीच रक्षा उत्पादन क्षेत्र में आपसी विश्वास और सहयोग को दर्शाता है.
वर्ष 2022 में बांग्लादेश तुर्की का सबसे बड़ा रक्षा उपकरण खरीदार बना था। तब से दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग में लगातार वृद्धि हो रही है। बांग्लादेश तुर्किये से ड्रोन समेत अन्य हथियार खरीद रहा है। अप्रैल में अंडोलू डिप्लोमेसी कॉन्फ्रेंस के दौरान तुर्किये के अंतरिक्ष उद्योग प्रमुख ने बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन से मुलाकात कर अंतरिक्ष क्षेत्र में भी सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की थी.
बांग्लादेश के पूर्व तुर्की राजदूत मसूद मनन ने एएनआई से बातचीत में बताया कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग की समझ मजबूत है और वर्तमान वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए यह संबंध और सुदृढ़ किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि परंपरागत रूप से बांग्लादेश सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए चीन पर निर्भर रहा है, लेकिन अब "Forces Goal 2023" के तहत वह अपने स्रोतों में विविधता ला रहा है.
तुर्किये और बांग्लादेश का यह नया रक्षा सहयोग दक्षिण एशिया में सैन्य संतुलन और रणनीतिक संबंधों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो आने वाले समय में दोनों देशों के लिए तकनीकी और सामरिक दृष्टिकोण से अहम साबित हो सकता है.